मरम्मत के बाद भी राह में रोड़े, वाहन खा रहे हिचकोले
किसी भी सड़क के निर्माण के समय से अगले पांच वर्षों तक उसके रखरखाव का जिम्मा निर्माण करने वाली कंपनी का होता है। इन पांच सालों तक कार्यकारी एजेंसी किसी तरह अपना समय पूरा कर राशि का उठाव कर निकल लेती है। इसके बाद रह जाती है तो सड़कों की बदहाली।
बगहा । किसी भी सड़क के निर्माण के समय से अगले पांच वर्षों तक उसके रखरखाव का जिम्मा निर्माण करने वाली कंपनी का होता है। इन पांच सालों तक कार्यकारी एजेंसी किसी तरह अपना समय पूरा कर राशि का उठाव कर निकल लेती है। इसके बाद रह जाती है तो, सड़कों की बदहाली। सड़क के निर्माण पर लाखों-करोड़ों खर्च होते हैं। खर्च के अनुसार इन सड़कों की उम्र कम से कम दस सालों तक होनी चाहिए। पर, निर्माण में मापदंडों का पालन नहीं किया जाता है। बरती गई अनियमितता के कारण इन सड़कों की हालत कुछ हीं दिनों में खराब हो जाती है। अब जिन सड़कों को दस वर्ष तक चलना चाहिए। उनकी हालत दो वर्ष में हीं खराब हो जाती है। इधर इस वर्ष मॉनसून भी अच्छी हुई है। जिससे कई सड़क बदहाल हैं। इन पर चलना भी दूभर हो गया है।
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2015-16 में हुआ था निर्माण, सड़क पर गड्ढे ही गड्ढे
नगर से भावल तक सड़क का निर्माण कार्य ग्रामीण कार्य विभाग से 2015-16 में कराई गई थी। जिसके अनुरक्षण का कार्य इसी साल में हुआ था। हालांकि जब अनुरक्षण का कार्य हुआ था। आज कुछ माह में हीं इस सड़क की स्थिति बद से बदतर हो गई है। इस सड़क में जगह-जगह गड्ढें है। जिसमें जलजमाव के कारण सवारियों के आवागमन में दिक्कत होती है। बता दें कि सड़क करीब तीन किलोमीटर तक बनाई गई थी। जिसमें सबुनी चौक के आगे की स्थिति और खराब है।
------------------------------ लोग आक्रोशित : इस सड़क को बने कुछ साल हीं हुए हैं। पर, इसपर चलना मुश्किल है। भावल के लिए यह मुख्य सड़क है। जिससे कारण आवाजही अधिक होती है। पर, इस रास्ते की हालत इतनी खराब है कि कोई इससे होकर आना-जाना नहीं चाहता है।
हीरा साह, नगर निवासी व्यवसायी
सड़कों पर सरकार लाखों करोड़ों खर्च करती है। पर, अगर कार्य के दौरान इस पर ध्यान दे तो, सड़क काफी दिनों तक चलेगी। पर, ऐसा होता नहीं है। जिसके कारण सड़क निर्माण के कुछ समय के बाद हीं टूटने लगती है।
मुरारी कुमार, नगरवासी
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बयान : सड़क का सर्वे कराया गया है। बारिश के कारण जहां जहां समस्या आई है। उसको एमआर में ले लिया गया है। बरसात के बाद मरम्मत के लिए संबंधित संवेदक को निर्देश दे दिया गया है।
दीपक पासवान, कनीय अभियंता ग्रामीण कार्य विभाग