नववर्ष में शिकार की आशंका के मद्देनजर वीटीआर में बढ़ी सतर्कता
बगहा। नववर्ष के जश्न के दौरान शिकार की आशंका के मद्देनजर वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में अलर्ट ज
बगहा। नववर्ष के जश्न के दौरान शिकार की आशंका के मद्देनजर वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में अलर्ट जारी किया गया है। अधिकारियों और वन कर्मियों को निर्देश दिए गए हैं कि वह जंगल में पेट्रोलिग तेज कर दें। साथ ही शिकार के लिए संवेदनशील स्थलों पर निगरानी बढ़ा दें। जंगल के आसपास जलाशयों में प्रवासी परिदों की मौजूदगी के कारण खास निगहबानी के निर्देश दिए गए हैं।
नववर्ष के दौरान जश्न मनाने के लिए जंगल में वन्यजीवों के शिकार की आशंका बढ़ जाती हैं। इसे देखते हुए टाइगर रिजर्व क्षेत्र में अलर्ट जारी कर दिया गया है। सभी अधिकारियों को निर्देश दिए है कि कि वे टीमें बनाकर पेट्रोलिग को प्रभावी बनाएं। शिकार के लिए संवेदनशील स्थलों को चिह्नित कर उनकी कड़ी निगरानी करें। विभागीय निर्देश के बाद वाल्मीकिनगर रेंजर महेश प्रसाद ने वन कर्मियों की टीमें गठित कर गश्त तेज कर दी है। भारत-नेपाल सीमा के अलावा जंगल के उन स्थलों पर जो आबादी के नजदीक हैं, खास निगाह रखी जा रही है। शुक्रवार रात उन्होंने स्वयं भी जंगल भ्रमण कर पेट्रोलिग का जायजा लिया। वहां उन्हें सभी वन कर्मी ड्यूटी करते मुस्तैद मिले। नए साल में बोटिंग का आनंद उठा सकेंगे सैलानी
भारत-नेपाल सीमा पर अवस्थित वाल्मीकि नगर नए साल के जश्न के लिए पूरी तरह से तैयार है। जनवरी के प्रथम सप्ताह तक सभी रेस्ट हाउस, गेस्ट हाउस व बम्बू हट पूरी तरह से हाउसफुल हैं। नए वर्ष को शानदार तरीके से मनाने के लिये सैलानियों ने पहले से ही अपनी बुकिग करा ली थी। इसके कारण अब नए पर्यटकों के लिए वाल्मीकिनगर में ठहरने की कोई भी व्यवस्था करीब-करीब नही रह गई है। वाल्मीकिनगर में एक भी हट खाली नहीं है। इससे वीटीआर प्रशासन तो गदगद है, लेकिन उन सैलानियों को मायूसी हाथ लगी है जो नए साल की शुरुआत वाल्मीकिनगर में करने की सोच रहे हैं। नए साल में वीटीआर आने वाले सैलानियों को इस बार बोटिग का आनंद उठाने का भी मौका मिलेगा। इसके लिए पूर्व में ही नाव मंगाई गई थी। लेकिन, जलाशय में पानी की कमी के कारण बोटिग को बंद कर दिया गया था। अब गंडक नदी में पर्यटक 25 दिसंबर से नौकायन का आनंद ले सकते हैं। चार तक सभी गेस्ट हाउस बुक
वीटीआर दुर्लभ वन्य जीवों को खुद में समेटे है, जिसे देखने के लिए प्रति वर्ष देश ही नही विदेशों से भी पर्यटक यहां आते है। इधर, दिसंबर माह में सर्दी का प्रकोप भी बढ़ गया है। आशंका व्यक्त की जाने लगी थी कि सैलानी शायद वीटीआर से दूरी बनाएं। लेकिन इसके उलट दिसंबर माह में पर्यटकों की संख्या में तेजी देखने को मिली। अब जबकि नया साल आने को है, तो वीटीआर को भी नव वर्ष के आगाज के लिए तैयार किया जा रहा है। हटों में आकर्षक सजावट की जा रही है। जबकि पर्यटन परिसर में पर्यटकों को रिझाने के लिए भी खास इंतजाम करने की तैयारी है। पर्यटकों ने नए साल की शुरुआत करने का मन बना लिया है। तभी तो एक सप्ताह पहले से ही चार जनवरी तक वीटीआर रेस्ट हाउस पूरी तरह से बुक हो चुके हैं। एक भी हट खाली नहीं बचे है। इतना ही नहीं नए साल के पहले सप्ताह में भी बुकिग कराना मुश्किल हो सकता है। एप के जरिए रखी जा रही नजर
एम-स्ट्राइप के जरिए वीटीआर के चप्पे-चप्पे पर नजर रखी जा रही है। इस एप के जरिए जंगल में दिखने वाले हर जानवर की गतिविधियों को दर्ज किया जा रहा है। भारतीय वन्य जीव संस्थान द्वारा तैयार इस एप में जंगली कुत्ते सहित कई ऐसी प्रजातियों को जोड़ने का अनुरोध भी वीटीआर प्रबंधन ने किया है, जो सिर्फ यहीं नजर आई हैं। वीटीआर बिहार की धरोहर है। पर्यटकों का ठहराव बढ़ाने को यहां तमाम सुविधाएं विकसित की गई हैं। कई और काम कराए जाएंगे। ईको टूरिज्म के साथ यहां धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा दिया जाएगा।
हेमकांत राय, मुख्य वन संरक्षक
वाल्मीकि टाइगर रिजर्व