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डेंगू से बचाव के लिए अपने आस-पास मच्छरों को न पनपने दें

बगहा। डेंगू मच्छर के काटने से जानलेवा बुखार होता है। इसे महामारी के रूप में देखा जाता ह

By JagranEdited By: Published: Sun, 09 Aug 2020 11:36 PM (IST)Updated: Sun, 09 Aug 2020 11:36 PM (IST)
डेंगू से बचाव के लिए अपने आस-पास मच्छरों को न पनपने दें
डेंगू से बचाव के लिए अपने आस-पास मच्छरों को न पनपने दें

बगहा। डेंगू मच्छर के काटने से जानलेवा बुखार होता है। इसे महामारी के रूप में देखा जाता है। व्यस्कों के मुकाबले बच्चों में इस बीमारी का प्रकोप अधिक होता है। डेंगू के सामान्य लक्षण सिर दर्द, जोड़ों व मांसपेशियों में दर्द, ते•ा बुखार, चिड़चिड़ापन आदि हैं। डेंगू से मृत्युदर करीब एक प्रतिशत है। यह बरसात के मौसम में ते•ाी से फैलता है। आपको या आपके करीबी को अगर डेंगू बुखार हो जाता है, तो इससे बचने के उपाय अपनाएं। सबसे पहले रक्त जांच करायें और अपने आसपास मच्छरों से सुरक्षा के उपाय अपनायें। प्रतिवर्ष दस अगस्त को डेंगू के प्रति लोगों में जागरुकता फैलाने तथा इसके प्रति सचेत रहने के लिए 'डेंगू निरोधक दिवस' मनाया जाता है। डेंगू का कोई सत्यापित इलाज नहीं है, डेंगू से बचाव ही सबसे बेहतरीन इलाज है। चूंकि डेंगू बुखार मच्छरों के काटने से होता है। जितना हो सके मच्छरों से बचाव के तरीके अपनाया जाना चहिए। आपके घर के आसपास अगर कहीं जलजमाव वाली जगह हो तो, वहा के सफाई का खासा ख्याल रखा जाना चाहिए। घर के अंदर और आस-पास कहीं पानी को जमा न होने दें। घर के दरवाजे और खिड़कियों की जालियां लगाकर रखे। टायर, डब्बे ,कूलर ऐसी पशुओं के लिए रखे पानी, गमले में रुके पानी को बदलते रहे और सा़फ करते रहना चाहिए। खाली बर्तनों को खुले में न रखे उसे ढक कर रखे। घर में सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें। घर में मच्छर भगाने वाले , क्वायल,लिक्विड,इलेक्ट्रॉनिक बैट आदि का प्रयोग करें। बाहर जाने से पहले मॉस्किटो रेप्लेंट क्रीम का प्रयोग करें। अगर आस-पास में किसी को यह संक्रमण है तो विशेष सावधानी बरते। अगर पांच दिन से अधिक समय तक बुखार हो तो तुरन्त चिकित्सक से मिले और रक्त जांच जरूर करा लें। पशु अस्पताल, गौशाला आदि जगहों पर नगर में जलजमाव की स्थिति हर साल उत्पन्न होती र्है। नगर परिषद प्रबंधन् द्वारा लारवा किटनाशक, फागिग का छिड़काव कराया जाता है। डब्लूएचओ के अनुसार पृूरी दुनिया का 34 प्रतिशत डेंगू के मरीज भारत में पाये जाते र्है। भारत में हर साल 20472 मरीज में 132 मरीज की मौत हो जाती है। 2018 में केवल बिहार में 2112 केस पाए गए थे।

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बयान :

डेंगू का मरीज अभी नहीं मिला है। इसके लिए अस्पताल में अलग वार्ड बनाया जाता है। दवा आदि सहित सभी सुविधा और संसाधन उपलब्ध हैं।

डॉ. केबीएन सिंह, प्रभारी उपाधीक्षक, अनुमंडलीय अस्पताल


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