बाढ़ में डूबी फसल, दोहरी मार झेल रहे किसान
विगत सप्ताह आई बाढ़ से सैकड़ों एकड़ में लगी धान की फसल डूबने के बाद बाढ़ पीड़ित किसानों के सामने मुसीबत का पहाड़ टूट पड़ा है। किसान फसल नुकसान के कारण दोहरी मार झेलने पर विवश है। एकतरफ बैंकों के कर्ज से डूबे किसान अपनी फसलों की बर्बादी पर आंसू बहा रहे हैं।
बेतिया । विगत सप्ताह आई बाढ़ से सैकड़ों एकड़ में लगी धान की फसल डूबने के बाद बाढ़ पीड़ित किसानों के सामने मुसीबत का पहाड़ टूट पड़ा है। किसान फसल नुकसान के कारण दोहरी मार झेलने पर विवश है। एकतरफ बैंकों के कर्ज से डूबे किसान अपनी फसलों की बर्बादी पर आंसू बहा रहे हैं। बाढ़ व जल-जमाव से शिवराजपुर, छरकी, भगवानपुर, कोतराहां, बरियारपुर आदि गांवों में धान, गन्ना एवं अन्य फसलें बर्बाद हुईं हैं। समय पर मानसून में अच्छी बारिश से बड़े पैमाने पर धान की रोपनी हुई किसान अच्छी पैदावार के सपने देख रहे, लेकिन किसानों के सारे ख्वाब बाढ़ के पानी बह गए। किसान जमालुद्दीन शेख, मोगल यादव, बाबु हुसेन मियां, रामाधार राम, जोखू साह, चिन्टू पांडेय आदि ने बताया कि अब पानी निकलने के बाद मक्के व सब्जियों की खेती करेंगे। बीएओ मनोरंजन प्रसाद, किसान समन्वयक विजय सिह,सुनील कुमार ने बताया कि किसानों का फसल बर्बाद हुआ है। जिसका आकलन कर विभाग को भेजने की तैयारी चल रही है।