बर्खास्त जिप अध्यक्ष के समर्थन मे उतरा भारतीय थारू कल्याण महासंघ
बेतिया। जिप अध्यक्ष ई शैलेन्द्र गढ़वाल की बर्खास्तगी व उनको 5 वर्षों तक चुनाव लड़ने पर लगी पाबंदी
बेतिया। जिप अध्यक्ष ई शैलेन्द्र गढ़वाल की बर्खास्तगी व उनको 5 वर्षों तक चुनाव लड़ने पर लगी पाबंदी के विरोध में भारतीय थारू कल्याण महासंघ ने मोर्चा खोल दिया है। मंगलवार को धमौरा के राम जानकी मंदिर प्रांगण मे भारतीय थारू कल्याण महासंघ तपा रामगीर, बारहगांवा तथा थारू महिला संस्था की एक बैठक हुई, जिसकी अध्यक्षता महासंघ के क्षेत्रीय समिति के अध्यक्ष रामजनम प्रसाद ने की, जबकि संचालन श्रीकांत प्रसाद ने किया। बैठक में रामजनम प्रसाद ने शैलेन्द्र गढ़वाल को जिप अध्यक्ष के पद से बर्खास्त करने तथा चुनाव लड़ने पर लगायी गई पाबंदी की घोर भर्त्सना की। कहा कि सरकार ने जिस तरह अध्यक्ष को बर्खास्त की है, उसी तरह अगले संसदीय चुनाव में भाजपा जदयू सरकार को भारतीय थारू कल्याण महासंघ बर्खास्त कर नवयुवक व कर्मठ उम्मीदवार शैलेन्द्र गढ़वाल को संसद में भेजेगा। मधुरेन्द्र कुमार ने आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि भाजपा -जदयू कि सरकार थारू मतदाताओं को ठगने का काम किया है। वोट लेकर सत्ता सुख भोगने का काम किया है। मगर थारू जाति को कुछ नहीं दिया। नंदकिशोर महतो ने कहा कि शैलेन्द्र गढ़वाल को बर्खास्त करने तथा चुनाव लड़ने पर लगाया गया प्रतिबंध गैर लोकतांत्रिक है। सरकार ने थारू जाति के कल्याण के लिए थरुहट विकास प्राधिकरण का गठन तो कर दिया कितु इस समुदाय से उस समिति का सदस्य तक नहीं बनाया गया। जो दुर्भाग्यपूर्ण है । बैठक में भारतीय थारू कल्याण महासंघ के क्षेत्रीय उपाध्यक्ष निरंजन पंजियार की भत्सर्ना करते हुए उनको महासंघ से हटाने कि पुरजोर मांग की गई । बैठक में उपस्थित निरंजन पंजियार ने सफाई देते हुए कहा कि मैंने 21 साल से आरएसएस का सदस्य रहते हुए भाजपा की सेवा की। पंडई नदी पर पुल बनवाकर गौनाहा तथा जमुनिया को जोड़ने का काम किया। सहोदरा धर्मशाला को भी खाली कराया। थारू कल्याण महासंघ एक सामाजिक संस्था है, राजनीतिक संस्था नहीं। इस पर बैठक में लोग उग्र हो गए। इसके बाद आक्रोश व्यक्त करते हुए महासंघ के केंद्रीय उपाध्यक्ष निरंजन पंजियार ने अध्यक्ष को अपने पद से इस्तीफा सौंप दिया। अध्यक्ष रामजनम प्रसाद ने बताया कि निरंजन पंजियार के इस्तीफा को अनुशंसा कर केंद्रीय थारू कल्याण महासंघ को भेज दिया जाएगा । अन्य वक्ताओं मे सुखनंदन महतो, वाल्मीकि महतो, गंगा महतो, संध्या देवी, जयनारायण गुरो, गुमास्ता राजेंद्र प्रसाद, बुद्धेश्वर प्रसाद, धमौरा मुखिया रामबिहारी महतो, भानु प्रकाश, मुखिया प्रतिनिधि सुनील महतो, नेपाल के अजय कुमार प्रसाद आदि शामिल रहे।