Bihar Flood Alert: जाम हुए गंडक बराज के गेट तो भारत-नेपाल में मचेगी भारी तबाही, जानिए
Bihar Flood Alert भारत-नेपाल की सीमा पर बने गंडक बराज के तीन गेट खतरनाक स्थिति में हैं औऱ बरसात में जलस्तर बढ़ा और इन गेट पर दबाव बढ़ा तो फिर एक लाख की आबादी प्रभावित होगी।
पश्चिम चंपारण, जेएनएन। गंडक बराज के तीन गेट 29, 31 और 34 टेढ़े हो चुके हैं। कुछ महीने पूर्व अभियंताओं की टीम ने इन्हें बदलने की अनुशंसा की थी। लेकिन लॉकडाउन के कारण बदले नहीं जा सके। ये गेट नेपाली क्षेत्र में आते हैं, लेकिन देखरेख की जवाबदेही भारत सरकार की है। यदि बरसात में तीनों गेट जाम हुए तो फिर बाढ़ से तबाही मच सकती है। भारत और नेपाल के तकरीबन चार दर्जन गांवों की एक लाख की आबादी प्रभावित होगी।
गंडक बराज में कुल 36 गेट हैं, तीन गेट हैं डैमेज
भारत-नेपाल को गंडक नदी की बाढ़ से बचाने के लिए वाल्मीकिनगर में निर्मित गंडक बराज में कुल 36 गेट हैं। एक गेट को बदलने में कम से कम डेढ़ महीने लगते हैं। इसलिए बरसात के मौसम को निकट देखते हुए अभियंताओं ने रिस्क लेना उचित नहीं समझा था। लेकिन, गंडक के जलस्तर में बढ़ोतरी के बाद यदि तीनों गेट अधिक मुड़ गए तो फिर स्टॉप लॉक के माध्यम से जलापूर्ति रोककर इन गेटों को बचाने की विवशता होगी। यदि ऐसा हुआ तो नेपाल में स्थित नदी के एफलेक्स बांध पर भारी दबाव पड़ेगा। वह टूट भी सकता है।
2002 में टूट चुका है एफलेक्स बांध
बता दें कि वर्ष 2002 में एफलेक्स बांध टूट चुका है। तब गाइड बांध कॉलोनी में पानी घुसने के बाद नेपालियों ने एमडब्ल्यूसी नहर के बांध को काट दिया था। इस कारण नेपाल समेत यूपी व बिहार के 50 गांवों में पानी घुस गया था। यह नहर नेपाल से निकलकर उत्तर प्रदेश होते हुए पुन: बिहार में प्रवेश करती है। इस साल यदि गेट बंद किए गए तो निश्चित रूप से एफलेक्स बांध पर दबाव बढ़ेगा।
इस साल भारी बारिश की संभावना व्यक्त की जा रही है। इससे गंडक के जलस्तर में निश्चित रूप से बढ़ोतरी होगी। सिल्ट जमने के कारण भी समस्या उत्पन्न हुई है। कार्यपालक अभियंता जमील अहमद का कहना है कि गंडक बराज के सभी गेट चालू हालत में हैं। उन्हें सामान्य रूप से उठाया व गिराया जा रहा है। खतरे जैसी कोई बात नहीं है। तीनों फाटकों को बरसात के मौसम के बाद बदला जाएगा।