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कुछ कोरोना और लॉकडाउन का भय तो, कुछ शादी में शामिल होने के लिए लौट रहे घर

बगहा। कोरोना संक्रमण को देखते हुए महाराष्ट्र गुजरात और दिल्ली जैसे राज्यों से आने वाली ट्र

By JagranEdited By: Published: Tue, 13 Apr 2021 11:53 PM (IST)Updated: Tue, 13 Apr 2021 11:53 PM (IST)
कुछ कोरोना और लॉकडाउन का भय तो, कुछ शादी में शामिल होने के लिए लौट रहे घर
कुछ कोरोना और लॉकडाउन का भय तो, कुछ शादी में शामिल होने के लिए लौट रहे घर

बगहा। कोरोना संक्रमण को देखते हुए महाराष्ट्र, गुजरात और दिल्ली जैसे राज्यों से आने वाली ट्रेनों से उतरने वाले यात्रियों की प्रतिदिन जांच हो रही है। इस जांच में पॉजिटिव भी पाए जा रहे हैं। सोमवार को भी हरिनगर रेलवे स्टेशन पर करीब 100 से अधिक बाहर से आने वाले यात्री पहुंचे। स्टेशन पर स्वास्थ्य विभाग की तरफ से प्रतिनियुक्ति कर्मियों के द्वारा जांच की गई। सता रहा लॉकडाउन का खतरा कोरोना संक्रमण का मामला बढ़ता जा रहा है। इससे लोगों में भय है। दूसरे प्रदेशों में काम करने वाले प्रवासी लोग को यह डर सता रहा है कि पिछले साल की तरह अगर लॉकडाउन की स्थिति बनती है तो, फिर भूखों मरने की नौबत आ जाएगी। घर लौटने की भी समस्या खड़ी हो जाएगी। परसौनी के मनोज कुमार महाराष्ट्र से आए हैं। इनका कहना है कि अगर गए साल की तरह स्थिति बनी तो पैदल जाना आसान नहीं होगा। इसीलिए घर लौट आए हैं। दिल्ली से लौटे सुरेश पंडित का कहना है कि घर में शादी है। जिसके कारण लौट आए हैं। वैसे कोरोना के कारण लॉकडाउन का डर भी बना है। गुजरात से लौटे मो. मुजीब ने बताया कि घर पर कोई पुरुष नहीं है। साथ हीं गेहूं की कटाई होने वाली है। जिसके कारण वापस आए हैं। थोड़े दिनों के बाद फिर वापसी हो जाएगी। राकेश यादव, मंकेश काजी का कहना है कि पिछले साल की स्थिति से सभी भयभीत हैं। रोजगार छीनने का डर और पैदल घर वापसी की चिता के कारण बाहर में काम करने वाले बहुत लोग लौट रहे हैं। हालांकि रेलवे स्टेशन के अधीक्षक ए हक ने बताया कि घर लौटने वाले यात्रियों की संख्या में पहले से अधिक बढ़ोतरी नहीं है। औसत प्रतिदिन लोग आ रहे हैं तो लोग जा भी रहे हैं। अभी तक ऐसा नहीं है कि दूसरे प्रदेशों से आने वाले की संख्या बढ़ी है। स्थानीय पीएचसी में चार बेड की व्यवस्था

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नगर स्थित पीएचसी में कोरोना संक्रमण को लेकर पिछले साल की तरह इस बार भी चार बेड की व्यवस्था की गई है। हालांकि गंभीर मरीजों को नरकटियागंज स्थित अनुमंडलीय अस्पताल के आइसोलेशन सेंटर में भेजने का इंतजाम है। वेंटिलेटर आदि की व्यवस्था यहां स्थानीय पीएचसी में उपलब्ध नहीं है। संक्रमित लोगों को 14 दिन होम क्वारंटाइन में उनके घर पर ही रखा जाता है। कंटेनमेंट जोन में आने वाले लोगों की जांच की जाती है। कोरोना जांच के लिए बनाए गए हैं चार केंद्र नगर व प्रखंड में कोरोना जांच के लिए दो केंद्र बनाए गए हैं। जिसमें पीएचसी रामनगर के अलावा रेलवे स्टेशन पर भी प्रतिदिन यह कार्य किया जाता है। वहीं कंटेनमेंट जोन में भी जांच का कार्य शुरू किया गया है। प्रतिदिन 100 से 150 लोगों का टेस्ट किया जाता है। टीकाकरण के साथ ही बढ़ रही मरीजों की संख्या प्रखंड में टीकाकरण का जोर शोर से चल रहा है। इसके साथ ही मरीजों की संख्या में भी इजाफा हो रहा है। हालांकि अभी तक करीब एक दर्जन संक्रमित पाए गए हैं। जिसमें से अधिकतर बाहर से आए प्रवासी हैं। स्थानीय प्रशासन के तरफ से उनके संपर्क में आए लोगों को ट्रेस भी किया जा रहा है। टीकाकरण में उमड़ रही है लोगों की भीड़ 14 अप्रैल तक टीकाकरण के लिए विशेष उत्सव चलाया गया है। इसका असर भी दिखाई दे रहा है। पहले की अपेक्षा लोगों की संख्या अधिक पहुंच रही है। मुखिया के साथ विकास मित्र, कार्यपालक सहायकों को क्षेत्र के लोगों को वैक्सीन लेने के लिए जागरूक करने की जिम्मेवारी सौंपी गई है।

प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ चंद्र भूषण ने बताया कि जितने लोग पहुंच रहे हैं। सभी को टीका दिया जा रहा है। पीएचसी में मुडिला गांव से पहुंची 80 वर्षीय जयकाली देवी ने बताया कि सब टीका ले रहे हैं। सभी लोगों से सुनकर मैने भी वैक्सीन ले लिया है। इसमें किसी तरह की कोई परेशानी नहीं है। यह बरतें सावधानी विशेषज्ञों की मानें तो, लोगों को शायद कम हीं पता है कि टीका लेने के बाद भी सावधानी बरतनी जरूरी है। कहते हैं कि टीका लेने के बाद चार से छह सप्ताह तक में दूसरी डोज लेनी होती है। इस दौरान सावधानी बरतनी जरूरी है। फिजिकल डिस्टेंसिग मेंटेन करना होता है। भीड़ भाड़ से बचने की सलाह दी जाती है। दूसरे डोज के एक से डेढ़ सप्ताह के बाद यह शरीर में पूर्ण रूप से एंटीबॉडीज बना लेता है। जिसके बाद खतरा कम रहता है। हालांकि इससे पहले इसके संक्रमण का खतरा बना रहता है।


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