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कोरोना संक्रमण कम होते हीं दवा की डिमांड में आई कर्मी

बेतिया । कोरोना संक्रमण में कमी आने के कारण फिलहाल जिले में दवा की खपत भी कम हो गई है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 27 Jul 2021 11:40 PM (IST)Updated: Tue, 27 Jul 2021 11:40 PM (IST)
कोरोना संक्रमण कम होते हीं दवा की डिमांड में आई कर्मी
कोरोना संक्रमण कम होते हीं दवा की डिमांड में आई कर्मी

बेतिया । कोरोना संक्रमण में कमी आने के कारण फिलहाल जिले में दवा की खपत भी कम हो गई है। कोरोना की पहली लहर के बाद लोगों की बेपरवाही दूसरी लहर में घातक परिणाम दे गई। ऐसे में एकबार फिर लापरवाही चरम पर है। मास्क और शारीरिक दूरी के नियम का पालन नहीं हो रहा है। यह आने वाले वक्त के लिए खतरे का संकेत है। बता दें कि अप्रैल के शुरू होते ही कोरोना की दूसरी लहर ने दस्तक दी और संक्रमण से बचाव में काफी हद तक कारगर मास्क, पीपीई किट, सैनिटाइजर, आक्सीमीटर, फेस शिल्ड, इनहेलर आदि की डिमांड आचानक बढ़ गई थी। रेट भी करीब 20 फीसद तक बढ़ गए थे।केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन के जिला सचिव नरेश कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि अप्रैल में मास्क, सर्जिकल मास्क, पीपीई किट, सैनिटाइजर, पल्स ऑक्सीमीटर, थर्मामीटर, ग्लूकोमीटर, एन 95 मास्क, फेसशिल्ड सहित एजिथ्रोमाइसीन, विटामिन सी, मल्टीविटामिन, पेरासिटामोल, एंटी एलर्जी, लिब्रो सिट्री•ाीन, डेक्सोना ग्रुप, एंटीबायोटिक आदि दवा की डिमांड काफी बढ़ गई थी। यह डिमांड पहली लहर से करीब तीन से चार गुना अधिक थी। पहले से रेट में भी इजाफा हो गया था। हालांकि अब सब कुछ सामान्य हैं। फिलहाल सामान्य दिनों की भांति दवा का कारोबार चल रहा है।

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कोरोना के पहले अस्पतालों में ही मिलते थे पल्स ऑक्सीमीटर

ड्रगिस्ट एवं केमिस्ट्र एसोसिएशन के जिला सचिव नरेश कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि विगत कई सालों में अचानक दवा के लिए कोहराम मचा था। कोरोना के पहले पल्स ऑक्सीमीटर केवल अस्पतालों में देखने को मिलता था। वैसे अस्पताल जहां इंडोर का संचालन किया जाता था उन्हीं अस्पताल द्वारा पल्स ऑक्सीमीटर की डिमांड की जाती थी। लेकिन कोरोना की दूसरी लहर के दौरान पल्स ऑक्सीमीटर की डिमांड इस कदर बढ़ी,कि कुछ समय के लिए बाजार में शॉर्ट हो गया। अब अधिकांश घरों में पल्स ऑक्सीमीटर मिल जाएंगे।

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10 साल में जितना नहीं बेचा इनहेलर, उतना 10 दिन में बिक गया

दवा व्यवसायी सूरज कुमार का कहना है, कि फिलहाल दवा कि डिमांड कम हुई है। सामान्य दिनों की भांति दवा का कारोबार चल रहा है। लेकिन इसके पहले करीब दो गुना तक मांग थी। इनहेलर जितना 10 सालों में नहीं बेचा था, उतना इनहेलर 10 दिनों में बिक गया। अप्रैल से लेकर मई तक आपूर्ति से ज्यादा दवा की मांग थी।

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