Move to Jagran APP

अनंत चतुर्दशी आज, नारायण के 14 स्वरूपों की होगी पूजा

बगहा । ऐसी मान्यता है कि अनंत चतुर्दशी पर भगवान विष्णु के स्वरूप अनंत भगवान की पूजा से सभी कष्ट दूर होते हैं।

By JagranEdited By: Published: Sat, 18 Sep 2021 11:23 PM (IST)Updated: Sat, 18 Sep 2021 11:23 PM (IST)
अनंत चतुर्दशी आज, नारायण के 14 स्वरूपों की होगी पूजा
अनंत चतुर्दशी आज, नारायण के 14 स्वरूपों की होगी पूजा

बगहा । ऐसी मान्यता है कि अनंत चतुर्दशी पर भगवान विष्णु के स्वरूप अनंत भगवान की पूजा से सभी कष्ट दूर होते हैं। अनंत पुण्य देने वाला त्योहार होने के कारण ही इसको अनंत चतुर्दशी कहा जाता है। आचार्य प्रभुनाथ तिवारी के अनुसार भगवान विष्णु को समर्पित यह व्रत भाद्रपद महीने में शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को मनाया जाता है। इस वर्ष यह त्योहार 19 सितंबर रविवार को मनाया जाएगा। ऐसी मान्यता है कि इस दिन जगत के पालनहार नारायण के अनंत रूप की पूजा की जाती है। अनंत का मतलब जिसका न आदि हो और न अंत वह स्वयं नारायण ही हो सकते हैं। सनातन धर्म की धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन भगवान का व्रत रखकर उनकी पूजा करने के उपरांत अनंत सूत्र बांधने का प्रचलन है। ऐसा कहा जाता है कि अनंत सूत्र बांधने से समस्त बाधाओं से मुक्ति मिल जाती है। शास्त्रों की मान्यता के अनुसार इसी दिन भगवान विष्णु सृष्टि की शुरुआत में 14 लोकों यथा तल, अतल, वितल, सुतल, तलातल, रसातल, पाताल, भू, भुव: स्व:, जन, तप, सत्य व मह की रचना की थी। साथ ही इन लोक की रक्षा व पालन के लिए भगवान स्वयं 14 रूपों में प्रकट हुए थे। जिससे वे अनंत प्रतीत होने लगे। इसी लिए इस दिन भगवान के 14 रूपों की पूजा की जाती है। इस दिन पूजा के बाद एक सूत्र को गांठ बांध कर भूजाओं में पहनने का विधान है। जिसमें 14 गांठ होते हैं। महिलाएं अपने बाएं व पुरूष दाएं भूजा में इसको धारण करते है। ऐसे करें पूजा :

loksabha election banner

पूजा के दिन स्नान आदि करने के बाद अक्षत, दूब, शुद्ध रेशम या कपास के सूत्र को हल्दी से रंग कर उसमें 14 गांठ बनाया जाता है। भगवान की प्रतिमा या फोटो के समक्ष रखकर उसकी पूजा की जाती है। प्रत्येक गांठ में नारायण के विभिन्न नामों से पूजा करने का विधान है। पहले में अनंत, त्रषिकेश, पद्मनाभ, माधव, बैकुंठ, श्रीधर, त्रिविक्रम, मधुसूदन, वामन, केशव, नारायण, दामोदर और गोविंद की पूजा की जाती है। तत्पश्चात नारायण को ध्यान कर पूजे गए शुद्ध अनंत को दाहिने या बाएं भुजा में धारण कर लिया जाता है। मान्यता है कि अनंत सूत्र को बांधने से व्यक्ति हर कष्ट से दूर रहता है। साथ ही जो व्यक्ति विधि पूर्वक भगवान की पूजा करता है उसके सारे मनोरथ पूर्ण होते हैं। साथ ही समस्त पापों से छुटकारा मिल जाता है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.