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छह दिनों बाद बदला मौसम का मिजाज, खिली धूप तो ठंड से मिली राहत

पिछले एक सप्ताह से कड़ाके की ठंड के बीच शुक्रवार राहत भरा रहा। सुबह में घना कोहरा होने के बाद जैसे हीं दिन चढ़ा तो तेज धूप खिली। धूप का लोगों ने जमकर लुत्फ उठाया। पार्क सार्वजनिक स्थल व घरों की छत में लोगों ने धूप का आनंद लिया। बीते छह दिनों से कोहरा व बर्फीली हवा के चलते गलन बढ़ गई थी।

By JagranEdited By: Published: Fri, 21 Jan 2022 10:42 PM (IST)Updated: Fri, 21 Jan 2022 10:42 PM (IST)
छह दिनों बाद बदला मौसम का मिजाज, खिली धूप तो ठंड से मिली राहत
छह दिनों बाद बदला मौसम का मिजाज, खिली धूप तो ठंड से मिली राहत

बेतिया । पिछले एक सप्ताह से कड़ाके की ठंड के बीच शुक्रवार राहत भरा रहा। सुबह में घना कोहरा होने के बाद जैसे हीं दिन चढ़ा तो तेज धूप खिली। धूप का लोगों ने जमकर लुत्फ उठाया। पार्क, सार्वजनिक स्थल व घरों की छत में लोगों ने धूप का आनंद लिया। बीते छह दिनों से कोहरा व बर्फीली हवा के चलते गलन बढ़ गई थी। लोग बिना काम के घरों से बाहर नहीं निकल रहे थे। अलाव सहारा बना था। शनिवार की दस बजे के करीब सूर्य देव के दर्शन हुए। दिनभर चटक धूप खिली रही। शाम को गलन का असर बढ़ने लगा। धूप खिलने से कृषि कार्य में तेजी आई। किसान राजदेव प्रसाद ने बताया कि धूप निकलने के लिए गन्ने की छिलाई व गेहूं के पटवन में सहूलियत है। कपड़ा व्यवसायी संजय कुमार ने बताया कि ठंड के कारण व्यवसाय मंदा पड़ गया था। धूप निकलने से ग्राहक आए हैं।

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अलाव की समुचित व्यवस्था नहीं

नगर निगम प्रशासन द्वारा सार्वजनिक स्थलों पर अलाव की व्यवस्था नहीं की जा सकी। इक्का-दुक्का स्थानों को छोड़ दिया जाए तो प्रशासन के अलाव कहीं नजर नहीं आ रहे हैं। बस स्टेशन पर अलाव की व्यवस्था जरूर की है लेकिन घंटे-दो-घंटे जलने के बाद यह ठंडा पड़ जाता है। खिले किसानों के चहरे: मौसम की प्रतिकूलता से फसलों की सुरक्षा को ले कर चितित किसानों के चेहरे धूप निकलने से खिल गए हैं। मौसम के कुछ ठीक होने पर किसानों ने खत की ओर रुख किया। फसलों की देखभाल शुरू की है। कृषि वैज्ञानिक डा. धीरू तिवारी ने कहा कि कड़ाके की ठंड के बाद धूप फसलों की बढ़त में मददगार साबित होगा।


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