बगहा में गायब हो गई रेलवे की 1700 एकड़ जमीन
बगहा में रेलवे की 1700 एकड़ जमीन गायब हो गई। दरअसल इस भूमि पर अतिक्रमणकारियों का कब्जा है। बहुत पहले यहां कच्चा मकान बनाकर लोग रहते थे। इधर कुछ दिनों से इस भूमि पर लोगों द्वारा पक्का निर्माण भी किया जाने लगा है।
बगहा । बगहा में रेलवे की 1700 एकड़ जमीन गायब हो गई। दरअसल, इस भूमि पर अतिक्रमणकारियों का कब्जा है। बहुत पहले यहां कच्चा मकान बनाकर लोग रहते थे। इधर कुछ दिनों से इस भूमि पर लोगों द्वारा पक्का निर्माण भी किया जाने लगा है। साथ ही खरीद- बिक्री भी होने लगी है। अब विभाग ने स्थानीय अधिकारियों को पत्र लिखकर जमीन खाली कराने को कहा है। करीब पांच दशक पूर्व गंडक की बाढ़ के कारण विस्थापित सैकड़ों परिवार शहर पहुंचे और रेलवे की खाली पड़ी जमीन पर घर बनाकर रहने लगे। धीरे-धीरे जमीन पर कई मोहल्ले विकसित हो गए। हालांकि इस बीच रेलवे लगातार जमीन पर अपना दावा करता रहा और स्थानीय अधिकारियों को पत्राचार कर जमीन खाली कराने की मांग होती रही। लेकिन विस्थापितों की संख्या अधिक होने के कारण प्रशासन उन्हें हटाने में असमर्थ रहा।
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खाली हुई जमीन तो कहां जाएंगे विस्थापित :-
रेलवे की जमीन पर फिलहाल बगहा नगर के चार वार्ड क्रमश: वार्ड नंबर 04, 06, 07 और 08 बसे हुए हैं। इन वार्डो में रहने वाले करीब 40 हजार लोगों के पास अपनी जमीन नहीं है। ऐसे में यह सवाल उठ खड़ा हुआ है कि यदि रेलवे का तेवर तल्ख रहा और प्रशासन को इन परिवारों को हटाना पड़ा तो फिर ये लोग कहां जाएंगे। शहरी क्षेत्र में इन लोगों को बसा पाना फिलहाल प्रशासनिक महकमे के लिए संभव नहीं लग रहा। अब, रेलवे और स्थानीय प्रशासन के बीच की खींचतान के बीच क्या फैसला होता है, यह देखना दिलचस्प होगा।
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बयान :-
रेलवे की 1700 एकड़ से अधिक जमीन पर अवैध रूप से लोग अतिक्रमण कर रह रहे हैं। वर्षो से प्रशासनिक अधिकारियों को विभाग पत्राचार कर जमीन खाली कराने की मांग कर रहा है। लेकिन, कोई पहल होती नहीं दिख रही है। नगर के चार वार्ड रेलवे की जमीन पर ही गुलजार हैं।
राजीव रंजन पांडेय, स्टेशन अधीक्षक