बेतिया में 24 घंटे में तैयार होगा 120 बेड का आईसोलेशन वार्ड
बेतिया। वैश्विक महामारी कोरोना से जंग लड़ने के लिए बेतिया के राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय परिसर में एक साथ 120 बेड का आइसोलेशन वार्ड तैयार हो जाएगा।
बेतिया। वैश्विक महामारी कोरोना से जंग लड़ने के लिए बेतिया के राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय परिसर में एक साथ 120 बेड का आइसोलेशन वार्ड तैयार हो जाएगा। इसे 24 घंटे में अप टू मार्क कर लिया जाएगा। कोविड 19 के खिलाफ जंग लड़ने में यह आइसोलेशन वार्ड चिकित्सा प्रणाली में एक नया अध्याय जोड़ेगा। यह जीवन रक्षक प्रणाली से लैस होगा। यहां एक साथ 18 वेंटिलेटर लगाए जा रहे हैं। जिलाधिकारी कुंदन कुमार ने मंगलवार को यहां चल रहे अंतिम चरण के कार्य का जायजा लिया। जिलाधिकारी श्री कुमार ने बताया कि इस आइसोलेशन वार्ड को मात्र सात दिनों में तैयार किया गया है, जिसे अगले 24 घंटे में सभी तरह की सुविधाएं बहाल करा ली जाएगी। डीएम ने बताया कि इस आइसोलेशन वार्ड की क्षमता अगले 15 दिनों में 200 बेड करने की योजना है। इस पर पहल की जा रही है। उन्होंने यहां चल रहे कार्य को शीघ्र पूरा करने के अधिकारियों को निर्देश दिया। मौके पर मेडिकल कालेज के प्राचार्य, उप विकास आयुक्त रविन्द्र नाथ प्रसाद सिंह, अस्पताल उपाधीक्षक डा. श्रीकांत उपाध्याय, वरीय प्रभारी पदाधिकारी विनोद कुमार सिंह, नोडल पदाधिकारी मनीष श्रीवास्तव सहित मेडिकल कालेज के अन्य चिकित्सक शामिल रहे। ------------------------
पाइपलाइन ऑक्सीजन की सुविधा से जुडे़ सभी बेड
यहां के सभी बेड को पाइपलाइन के द्वारा आक्सीजन की सुविधा से जोड़ दिया गया है। ताकि मरीजों को आक्सीजन की जरूरत पड़ने पर उसे तत्काल उपलब्ध कराई जा सके। सभी वार्ड को वाई फाई की सुविधा भी मुहैया कराई जाएगी, इसके लिए कनेक्टिविटी का काम किया जा रहा है। आइसोलेशन वार्ड में चिकित्सकों के लिए कॉन्फ्रेंस हॉल, चिकित्सकों, मेडिकल एवं पारा मेडिकल स्टाफ के लिए अलग-अलग कमरे बनाए गए हैं। इसके अलावा चिकित्सकों के लिए आराम करने के लिए भी उनके रूम में अलग से बेड लगाए गए हैं। ताकि कार्य समाप्त होने की स्थिति यदि वे चाहें तो यहां आराम भी कर सकते हैं। ------------------------ वार्ड के प्रवेश द्वार पर ही लगा गया है विस्तृत चार्ट आइसोलेशन वार्ड के प्रवेश द्वार पर ही वार्ड से संबंधित सभी जानकारी देने के लिए चार्ट लगा दिया गया है। संपूर्ण वार्ड को ए से एफ तक अलग -अलग हिस्सों में विभक्त किया गया है। ताकि भूमि तल से ही किसी हिस्से के बारे में जानकारी ली जा सकेगी।