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वेतन नहीं तो कार्य नहीं के तहत स्वास्थ्य कर्मियों ने किया कार्य बहिष्कार

-बकाए वेतन भुगतान समेत अन्य कई मांगों को लेकर सीएस कार्यालय का किया गया घेराव -स्वास्थ्य कर्मियों ने किया अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार का ऐलान -कार्य बहिष्कार का इंडियन डेंटल एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष ने भी किया समर्थन -कई वर्षों से बकाया है संविदा कर्मियों का वेतन भुगतान फोटो 16, 17, 1

By JagranEdited By: Published: Mon, 24 Sep 2018 06:46 PM (IST)Updated: Mon, 24 Sep 2018 06:46 PM (IST)
वेतन नहीं तो कार्य नहीं के तहत स्वास्थ्य कर्मियों ने किया कार्य बहिष्कार
वेतन नहीं तो कार्य नहीं के तहत स्वास्थ्य कर्मियों ने किया कार्य बहिष्कार

वैशाली। स्वास्थ्य कर्मियों के चालू एवं बकाए वेतन भुगतान के लिए 2210 एवं 2211 में पर्याप्त आवंटन की व्यवस्था करते हुए मुख्यालय स्तर से पर्यवेक्षण कर शीघ्र भुगतान करने, संविदा पर कार्यरत कर्मियों के बकाए मानदेय एवं आशा, ममता, कूरियर आउट सोर्सिंग कर्मियों के प्रोत्साहन राशि के भुगतान के लिए पर्याप्त आवंटन की व्यवस्था कर अविलंब कैंप लगाकर भुगतान करने समेत अन्य आठ सूत्री मांगों को लेकर सोमवार को स्वास्थ्य कर्मियों ने सीएस कार्यालय का घेराव किया। साथ ही वेतन नहीं तो काम नहीं के तहत कार्य बहिष्कार किया। कहा कि जब तक उनकी मांगों को पूरा नहीं किया जाता है, तब तक कार्य बहिष्कार जारी रहेगा।

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जिले के सभी पीएचसी में ताले बंद रहे। सिर्फ इमरजेंसी सेवा चालू रखी गई।

बिहार चिकित्सा एवं जन-स्वास्थ्य कर्मचारी संघ जिला इकाई के बैनर तले सदर अस्पताल परिसर में धरना दिया गया और रैली निकाली गई। सभा की अध्यक्षता राकेश कुमार ¨सह ने की। सभा को बिहार चिकित्सा एवं जन-स्वास्थ्य कर्मचारी कर्मचारी संघ के जिलामंत्री वीरेंद्र कुमार, आशा के जिलामंत्री सह महासंघ के सम्मानित अध्यक्ष शंकर कुमार गुप्ता, कोषाध्यक्ष राजेश रंजन, संजय कुमार देवव्रत, अरूण कुमार ¨सह, उदय कुमार जोशी, मनोज कुमार, मुन्नी देवी, राज कुमारी देवी, निर्मला सिन्हा, पुंज कुमारी, सुरेंद्र राय, कृष्णा राय, संजीव राय आदि ने संबोधित करते हुए कहा कि आशा, ममता, कूरियर, एम्बुलेंस चालक, डाटा ऑपरेटर समेत अन्य संविदा कर्मियों को समय से वेतन का भुगतान नहीं किया जा रहा है। कई वर्षों से वेतन बकाया है। ममता कार्यकर्ता के प्रोत्साहन राशि का भुगतान करीब छह माह से लंबित है। आशा कार्यकर्ताओं के पैकेज का भुगतान विभिन्न मदों से होता है जो कई महीनों से लंबित है। आशा को मिलने वाले पैकेज को मदवार एवं माहवार इंगित नहीं किया जाता है, इसे आशा को मदवार एवं माहवार इंगित करते हुए भेजा जाना चाहिए। आउटसोर्सिंग के तहत कार्यरत मजदूरों के पारिश्रमिक का भुगतान बैंक खातों में नहीं किए जाने के कारण ठेकदारों के द्वारा मनमानी ढंग से पारिश्रमिक दिया जाता है। साथ ही शोषण किया जाता है। ईपीएफ कटौती की राशि भी उनके ईपीएफ खातों में नहीं भेजी जाती है। स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत फार्मासिस्टों का असमायिक स्थानांतरण करने की साजिश की जा रही है। जिसे रोका जाना चाहिए। जब तक बकाए वेतन का भुगतान समेत अन्य मांगों को पूरा नहीं किया जाता है तब तक कार्य का बहिष्कार किया जाएगा। इंडियन डेंटल एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. ठाकुर मुकेश ¨सह चौहान ने भी कार्य बहिष्कार का समर्थन किया। धरना सभा व रैली कार्यक्रम में सैकड़ों की संख्या में चिकित्सा कर्मी, संविदा कर्मी, डाटा ऑपरेटर, आशा, ममता एवं कूरियर आदि स्वास्थ्य कर्मियों ने भाग लिया। हड़ताल से बंद रही ओपीडी सेवा, मरीज हुए हलकान

स्वास्थ्य कर्मियों की हड़ताल की वजह से सदर अस्पताल समेत सभी पीएचसी एवं रेफरल अस्पतालों में ओपीडी सेवा पूरी तरह बंद रही। हड़ताल की वजह से सदर अस्पताल से लगभग दो हजार मरीजों को बिना इलाज कराए वापस लौटना पड़ा। ओपीडी, रजिस्ट्रेशन काउंटर, दवा वितरण केंद्र पर ताले लटके हुए थे। इलाज को आने वाले मरीज काफी देर तक इलाज के लिए इधर-उधर भटकते रहे। बाद में सभी बिना इलाज कराए वापस लौट गए।


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