साइबर क्राइम से निबटने को तैयार हो रही वैशाली पुलिस
वैशाली। लगातार बढ़ रही साइबर क्राइम की चुनौतियों से लड़ने के लिए अब धीरे-धीरे वैशाली पु
वैशाली। लगातार बढ़ रही साइबर क्राइम की चुनौतियों से लड़ने के लिए अब धीरे-धीरे वैशाली पुलिस खुद को तैयार कर रही है। जिले में साइबर क्राइम से जुड़ने के लिए साइबर क्राइम यूनिट की स्थापना की गई है। साइबर क्राइम यूनिट की मदद से वैशाली पुलिस धीरे-धीरे खुद को साइबर क्राइम से लड़ने को तैयार कर रही है। पुलिस साइबर क्राइम व फ्रॉड के तकनीकी पहलुओं को धीरे-धीरे जानने व परखने लगी है।
जिले में 30 अप्रैल से पुलिस कार्यालय में यह यूनिट कार्य कर रही है। इस यूनिट की स्थापना के साथ ही इसके सार्थक परिणाम भी सामने आने लगे हैं। साइबर यूनिट की मदद से वैशाली पुलिस को बीते 25 मई को नवादा जिले से अंतरराज्यीय साइबर फ्रॉड गैंग के चार बदमाशों को गिरफ्तार करने में सफलता मिली थी। इस गिरोह ने हाजीपुर की एक महिला के साथ-साथ राजस्थान के एक बड़े पुलिस अधिकारी की पत्नी को भी ठगी का शिकार बनाया था। इस सफलता से उत्साहित वैशाली पुलिस अब पूरे उत्साह के साथ साइबर क्राइम से लड़न की तैयारी में है।
जिला पुलिस कार्यालय में कार्य कर रही है यूनिट
एसपी राकेश कुमार ने साइबर क्राइम यूनिट पुलिस कार्यालय के गोपनीय शाखा में खोला गया है। इस यूनिट को 4 डेस्कटॉप, 2 लैपटॉप उपलब्ध कराया गया है। इस यूनिट का प्रभार एटीएस में कार्य कर चुके सब इंस्पेक्टर अनिल कुमार को सौंपा गया है। इनके सहयोग के लिए चार कंप्यूटर एक्सपर्ट कांस्टेबल को भी यहां प्रतिनियुक्त किया गया है। यह यूनिट विभिन्न थानों में दर्ज होने वाले साइबर क्राइम से जुड़े मामलों के आईओ को टेक्निकल सपोर्ट करती है। इस यूनिट के एक्सपर्ट मामला दर्ज होने के बाद सीडीआर-एसडीआर व डिजिटल एविडेंस फॉरेंसिक का विश्लेषण करते हैं और इसकी जानकारी आईओ को देते हैं। अपराध के अन्य मामलों में भी यह यूनिट पुलिस को टेक्निकल सपोर्ट करती है।