Move to Jagran APP

सोनपुर मेला के ऊलेन बाजार में खरगोश की धूम

वैशाली। हरिहर क्षेत्र सोनपुर मेला विविध रंगों में रंगा नजर आ रहा है। कहीं आकर्षक प्रदश्

By Edited By: Published: Mon, 30 Nov 2015 07:02 PM (IST)Updated: Mon, 30 Nov 2015 07:02 PM (IST)
सोनपुर मेला के ऊलेन बाजार में खरगोश की धूम

वैशाली। हरिहर क्षेत्र सोनपुर मेला विविध रंगों में रंगा नजर आ रहा है। कहीं आकर्षक प्रदर्शनियां तो कहीं खेल-तमाशे की दुकान तो कहीं ठेले पर बिकते चाट-पकौड़े। इन सबसे अलग हटकर सोनपुर मेला का एक अलग ही रंग और रूप है। और वह हैं यहां लगने वाले गर्म कपड़ों के बाजार की। यहां कई प्रदेशों से आये कारोबारियों की स्वेटर, जैकेट, चादर व कंबल की दुकानें सजी हैं। खरीददारों की यहां भारी भीड़ भी जुट रही है। लेकिन इस बार यहां एक ऐसा भी दुकान है, जहां खरगोश की काफी ज्यादा मांग हैं। चौंकिये मत, यह मासूम सा दिखने वाला जानवर खरगोश नहीं बल्कि खरगोश चादर है। खरगोश की तरह ही मुलायम होने की वजह से कारीगरों व दुकानदारों ने इसका नाम खरगोश चादर रखा है। कीमत भी ऐसी कि आम आदमी के बजट में आ जाये। मेले में खरगोश चादर की कीमत 560 रुपये रखी गयी है।

loksabha election banner

मेला के ऊलेन बाजार में उत्तर प्रदेश के सहारनपुर से आये व्यवसायी राकेश कुमार ¨सह की दुकान हरिद्वारी कंबल भंडार पर खरगोश चादर की काफी डिमांड है। वे बताते हैं कि इस चादर की खासियत यह है कि यह खरगोश की तरह मुलायम है। इसे लोग हल्की सर्दी में बिछाने या फिर ओढ़ने में इस्तेमाल करते हैं। कीमत कम होने से इसकी ज्यादा डिमांड है। वैसे उनकी दुकान पर कई वेरायटी के कंबल मौजूद है।

पिछले पांच दशक से आ रहे मेले में

हरिहर क्षेत्र सोनपुर मेला में राकेश पिछले तीन दशक से लगातार आ रहे हैं। उन्होंने बताया कि वैसे उनकी दुकान पिछले पांच दशक से मेले में लगती आयी है। राकेश के पहले उनके पिता ईश्वर ¨सह और उनके पहले उनके पिता जी तारा ¨सह मेले में कंबल व चादर की दुकान लगाते थे। इस तरह यह उनकी तीसरी पीढ़ी है जो मेले में गर्म कपड़ों की दुकान लगा रही है। राकेश बताते हैं कि उनका हरिहरक्षेत्र और यहां के लोगों से विशेष लगाव है। पूरे मेला के दौरान उनके स्थानीय मित्र व जान-पहचान के लोग उनकी दुकान पर आते रहते हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.