कृषक गोष्ठी में वैज्ञानिकों ने दी नैनो यूरिया के महत्व की जानकारी
संवाद सूत्र चेहराकलां (वैशाली) भारत अमृत महोत्सव कार्यक्रम के तहत प्रखंड के मुस्तफपुर
संवाद सूत्र, चेहराकलां (वैशाली) :
भारत अमृत महोत्सव कार्यक्रम के तहत प्रखंड के मुस्तफपुर गांव में किसानश्री शिवचंद्र भगत के आवास पर इफको नैनो युरिया (तरल) को लेकर गोष्ठी आयोजित किया गया। कृषि वैज्ञानिक प्रवीण कुमार मिश्रा ने कृषकों को संबोधित करते हुए कहा कि दानेदार युरिया से ज्यादा असरदार नैनो युरिया (तरल) है। नैनो यूरिया का छिड़काव करने से किसी पौधे पर इसका सीधे असर उनके फुल, पत्तियों एवं टहनियों पर पड़ता है। जिसका सीधा लाभ पौधों को मिलता है। यह पारंपरिक यूरिया से सस्ता है। सबसे बड़ी बात यह है कि दानेदार यूरिया का छिड़काव किसान खेतों में करते हैं, तब पौधे जड़ के जल्लों की जीतनी दूरी तक विकसित रहता है। उतना ही दूरी तक के दानेदार यूरिया पौधे को पोषण का कार्य करती है। शेष अन्य भागों में पड़े यूरिया पौधे के विकसित करने में काम नहीं आती है। इससे स्पष्ट हो गया है कि एक तरफ पचास प्रतिशत दानेदार यूरिया की क्षति होती है और वही दूसरी ओर किसानों को आर्थिक नुकसान होता है। नैनो यूरिया की लागत भी कम है और मिट्टी की गुणवत्ता बढ़ाने में सहायक है। खासकर पौधों के पोषण में सहयोगी होने से किसानों की आय में वृध्दि होती है।7 इसके साथ ही यह किसी भी प्रकार का प्रदूषण नहीं करता है। इस मौके कृषक में हरिश्चंद्र भगत, प्रदीप राज, संजय कुमार, अवध किशोर सहनी, उमेश भगत, विपिन कुमार, राजू कुमार, गणेश भगत, उमेश प्रसाद सिंह, पप्पु कुमार सिंह, गरीब भगत, चदंन पंडित, कैलाश ठाकुर, योगेंद्र भगत, रंधीर कुमार, लहवीर पंडित, कमल भगत, शाहिल कुमार, महावीर राम आदि उपस्थित थे।