करोड़ों रुपये खर्च के बाद भी न टपका एक बूंद पानी
वैशाली। हाल के दो-तीन वर्षों के दौरान कम बारिश व उपेक्षा की वजह से जिले के अधिकांश तालाब व पोखर सूख
वैशाली। हाल के दो-तीन वर्षों के दौरान कम बारिश व उपेक्षा की वजह से जिले के अधिकांश तालाब व पोखर सूख चुके हैं। अविरल बहने वाली नदियां भी लगभग सूख चुकी है। इसका सीधा असर भूजलस्तर पर पड़ा है। भूजल स्तर के नीचे चले जाने की वजह से लोग भीषण जल संकट की मार झेल रहे हैं। कई इलाकों में टैंकर से पानी की सप्लाई की जा रही है। वहीं दूसरी ओर लाखों रुपये खर्च कर पानी सप्लाई के लिए बनाए गए जलापूर्ति केंद्र सरकार की उपेक्षा की वजह से ठप पड़े हुए हैं। कुछ ऐसा ही महुआ में लगभग दो करोड़ रुपये की लागत से आठ वर्ष पूर्व बने पानी टंकी की है। पेश है महुआ से सुनील कुमार ¨सह की रिपोर्ट..
महुआ : महुआ बाजार में लगभग दो करोड़ रुपये की लागत से लगभग आठ वर्ष पूर्व पानी टंकी से एक बूंद भी पानी लोगों को नसीब नहीं हो सका। बीते वर्ष नाला निर्माण के दौरान पानी की सप्लाई के लिए बिछाई गई पाइप लाइन भी पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई। अब तो स्थिति यह है कि भीषण जलसंकट का सामना कर रहे इलाके के लोगों को टैंकर से पानी की सप्लाई की जा रही है।
मालूम हो कि महुआ बाजार के लोगों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के उद्देश्य से लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के कार्यालय परिसर में आठ वर्ष पूर्व लगभग दो करोड़ रुपए की लागत से जलापूर्ति केंद्र व पानी टंकी का निर्माण कराया गया था। यहां उच्च क्षमता वाले मोटर पंप और इसके संचालन के लिए उच्च क्षमता का जेनरेटर लगाया गया था। इन सारी व्यवस्था के बावजूद इस केंद्र से लोगों को आठ वर्षों के दौरान एक बूंद पानी भी नसीब नहीं हो सका। क्षतिग्रस्त हो गए पाइप लाइन व वाटर स्टैंड पोस्ट
पानी की सप्लाई के लिए महुआ बाजार में लगभग दो किलोमीटर की परिधि में पाइप लाइन बिछाई गई थी। जगह-जगह पर वाटर स्टैंड पोस्ट भी बनाए गए थे। आठ वर्षों तक लगातार उपेक्षा की वजह से धीरे-धीरे पाइप लाइन व वाटर स्टैंडपोस्ट क्षतिग्रस्त होते चले गए। और इसी के साथ शुद्ध पेयजल मिलने की लोगों की उम्मीद भी धूमिल होती चली गई। रही-सही कसर पिछले वर्ष महुआ बाजार में नाला निर्माण के दौरान निर्माण एजेंसी ने पूरी कर दी। नाला निर्माण के लिए जेसीबी से गड्ढा खोदने के दौरान पानी की सप्लाई के लिए बिछाई गई पाइप लाइन पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई। पेयजल की किल्लत से लोगों में आक्रोश
गर्मी के दस्तक के साथ ही महुआ में जलसंकट की स्थिति काफी गंभीर हो गई है। खासकर महुआ बाजार में। स्थिति ऐसी है कि लोगों को खरीद कर पानी पीना पड़ रहा है। बाजार के व्यवसायी बबलू चौधरी, डॉ. महेश चौधरी, छोटेलाल गुप्ता, अजय गुप्ता, सुमित सहगल, संजीव सागर, पूर्व पंचायत समिति सदस्य दिनेश हिमांशु, राजकमल, डॉ. उदय शंकर कुमार, राकेश लाल बिहारी आदि ने विभाग की उदासीनता पर रोष प्रकट करते हुए जलापूर्ति केंद्र को चालू कराने की मांग की है। जलसंकट को लेकर एसडीओ गंभीर
महुआ के शहरी व ग्रामीण इलाकों में भीषण जलसंकट को एसडीओ रविशंकर शर्मा ने काफी गंभीरता से लिया है। उन्होंने विभागीय अभियंता को महुआ में बंद पड़े चापाकलों को अविलंब दुरुस्त कराने तथा बंद पड़े जलापूर्ति केंद्र को चालू करने के लिए आवश्यक कार्रवाई का निर्देश दिया है।