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वैशाली के गांधी आश्रम की सड़क जर्जर

लोक आस्था के महापर्व छठ का चार दिवसीय पवित्र अनुष्ठान शुरू होने में अब महज 14 दिन शेष रह गए हैं। पवित्रता के लिए विख्यात छठ पर्व में छठव्रती एवं प्रसाद लेकर घाटों तक श्रद्धालु नंगे पांव ही घाटों तक जाते हैं। मन्नत मांगने वाले कई श्रद्धालु पर्व में जमीन पर लेटकर ही घाटों को जाते हैं। ऐसे में इस बीच छठ में ऐसे श्रद्धालुओं को काफी परेशानी होगी। कारण यह है कि जलजमाव को लेकर शहर की अधिकतर सड़कें जर्जर हो चुकी है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 24 Oct 2021 11:24 PM (IST)Updated: Sun, 24 Oct 2021 11:24 PM (IST)
वैशाली के गांधी आश्रम की सड़क जर्जर
वैशाली के गांधी आश्रम की सड़क जर्जर

वैशाली । लोक आस्था के महापर्व छठ का चार दिवसीय पवित्र अनुष्ठान शुरू होने में अब महज 14 दिन शेष रह गए हैं। पवित्रता के लिए विख्यात छठ पर्व में छठव्रती एवं प्रसाद लेकर घाटों तक श्रद्धालु नंगे पांव ही घाटों तक जाते हैं। मन्नत मांगने वाले कई श्रद्धालु पर्व में जमीन पर लेटकर ही घाटों को जाते हैं। ऐसे में इस बीच छठ में ऐसे श्रद्धालुओं को काफी परेशानी होगी। कारण यह है कि जलजमाव को लेकर शहर की अधिकतर सड़कें जर्जर हो चुकी है। जर्जर सड़कों की कड़ी में आज जागरण टीम ने शहर के ऐतिहासिक एवं काफी पुराने मोहल्ले में शुमार गांधी आश्रम की पड़ताल की। मोहल्ले में प्रवेश के साथ ही सड़क की हालत दयनीय दिखी। गुहार लगाते-लगाते मोहल्ले के लोग थक-हार चुके हैं। कोई सुनने वाला नहीं है। लोगों की चिता का कारण है कि एक ओर जहां सड़क जर्जर हो चुकी है, वहीं मोहल्ले में चारों ओर गंदगी फैली है। नाले का गंदा पानी मुख्य मार्ग पर बह रहा है।

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इधर, डीएम उदिता सिंह के स्तर पर महीनों पूर्व तमाम विभागों के अभियंताओं के साथ हुई बैठक एवं एक सप्ताह के अंदर जर्जर सड़कों की मरम्मत कराने के उनके निर्देश का कोई असर नहीं हुआ। ऐसे में सवाल उठना लाजिमी है कि जब हुक्मरानों के आदेश का यह प्रतिफल है तो शहर की आम जनता आखिरकार किससे फरियाद करेगी ? यहां तो सड़क की ही खोदाई कर छोड़ दिया गया ऐसे ही शहर के ऐतिहासिक गांधी आश्रम मोहल्ले में तो सड़क की ही खोदाई कर बाद में निकाले गए मिट्टी एवं कंकड़-पत्थर को भरकर ऐसे ही छोड़ दिया गया। सड़क के एक ओर नाला के निर्माण के लिए खुदाई कर दी गई और बीचोंबीच सीवरेज का पाइप डालने के लिए सड़क की ही खुदाई कर दी गई। प्रतिफल यह है कि बनी-बनाई सड़क तो खत्म हो ही गई, साथ ही साथ नाला भी जाम पड़ा है और इसके कारण गंदा पानी मुख्य सड़क पर ही बह रहा है। उसी गंदे पानी से होकर मोहल्ले के लोग आने-जाने को मजबूर हैं। हाजीपुर नगर परिषद भी ऐसे हालात में अपने दायित्वों का बखूबी निर्वहन कर रही है। मोहल्ले का कूड़ा-कचरा सड़क किनारे ही डंप कर दिया जा रहा है। ऐसे में यहां सहज ही कल्पना की जा सकती है पवित्रता के महापर्व में श्रद्धालुओं का क्या हाल होगा ? हजारों की संख्या में मोहल्ले में रहने वाले लोग अभी से ही इसकी कल्पना कर चितित हैं। इस पावन धरती पर पधारे थे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी हाजीपुर की जिस धरती पर स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने अपने कदम रखे थे, आज उसकी बदहाली को देखकर रोना आ जाता है। बजबजाती नालियां, जगह-जगह कूड़े-कचरे के ढेर, सड़कों पर बहता नाले का गंदा पानी और जर्जर सड़क। राष्ट्रपिता की जयंती के मौके पर भले ही पूरे देश में प्रत्येक वर्ष स्वच्छता को लेकर आमजन के बीच अलख जगाया जाता रहा है, कई तरह के कार्यक्रम आयोजित होते रहे है पर इधर, अपने आंचल में राष्ट्रपिता के यादों को संजोए हाजीपुर गांधी आश्रम कह रहा है - देख लो मेरी क्या हालत हो गयी है। बारिश में लोगों के आवासीय परिसर एवं घरों में प्रवेश कर जाता पानी राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के की यादों की जुड़े इस मोहल्ले में रहने वाले लोगों का दर्द यह है कि थोड़ी सी बारिश होने के बाद यही गंदा पानी लोगों के आवासीय परिसर एवं घरों में प्रवेश कर जाता है। मुश्किल में फंसे लोग मुंह-नाक पर कपड़ा रखकर मार्ग से गुजरते हैं। कई बार नगर परिषद प्रशासन से लोगों ने शिकायत भी की, पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा। कुछ ही फर्लांग पर नगर परिषद ने लाखों रुपये की लागत से पार्क का निर्माण करा रखा है, ऐसे में यह अपने आप में हास्यास्पद है कि एक ओर नगर परिषद लोगों के स्वस्थ रहने की कामना कर रही है तो वहीं दूसरी ओर बीमारी भी बांट रही है। हाजीपुर रेलवे स्टेशन से सटा रिहायशी मोहल्ला है गांधी आश्रम हाजीपुर रेलवे स्टेशन से सटा गांधी आश्रम मोहल्ला शहर का काफी पुराना एवं रिहायशी मोहल्ला है। मार्ग से होकर हजारों लोग प्रतिदिन आते-जाते हैं। मोहल्ले का हाल देखकर यहां आने-जाने वाले लोगों को सिस्टम पर रोना आता है। कुछ ही दूरी पर गांधी आश्रम संग्रहालय, पुस्कालय एवं पार्क है। ठीक बगल में खादी ग्रामोद्योग का भवन है। राष्ट्रीय स्मारक घोषित करने की लोकसभा में उठ चुकी है मांग करीब दो वर्ष पूर्व गांधी आश्रम को मोहल्ले को राष्ट्रीय स्मारक घोषित करने की मांग उठ चुकी है। मुजफ्फरपुर के सांसद अजय निषाद लोकसभा में हाजीपुर के गांधी आश्रम को राष्ट्रीय स्मारक घोषित करने की मांग उठा चुके हैं। यहां स्वतंत्रता आंदोलन के समय महात्मा गांधी आया करते थे। गांधी आश्रम से बापू की कई यादें जुड़ी हुई हैं। स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान यहां बिहार के तमाम स्वतंत्रता सेनानी और क्रांतिकारी भी आते थे। बिहार के स्वतंत्रता सेनानी जुब्बा सहनी, योगेन्द्र शुक्ल, बैकुंठ शुक्ल, दीपनारायण सिंह जैसे स्वतंत्रता सेनानियों की यह कर्मस्थली रही है।


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