दहेज के लिए शादी से इन्कार करने पर पिता-पुत्र व मां को जेल
दहेज के विरोध में शुरू हुई सामाजिक मुहिम के बाद जिले में पहली दफा दहेज के लिए शादी से इन्कार करने वा
दहेज के विरोध में शुरू हुई सामाजिक मुहिम के बाद जिले में पहली दफा दहेज के लिए शादी से इन्कार करने वाले लड़के व उसके माता-पिता को एक-एक वर्ष की सजा सुनाई गई है। अनुमंडल न्यायिक दंडाधिकारी अनंत कुमार ने सोमवार को तीनों को एक-एक वर्ष की सजा सुनाई। साथ ही पांच-पांच हजार रुपये अर्थदंड भी लगाया है। अर्थदंड की राशि का 75 फीसद लड़की के पिता को देने का आदेश दिया गया है।
मिली जानकारी के अनुसार गोरौल थाना के सोंधो रत्ती गांव के विनोद साह ने अपनी पुत्री रूबी कुमारी की शादी मुजफ्फरपुर जिले के सरैया थाना के जैतपुर बाजार निवासी वर्मा सुहाग एवं बर्तन भंडार के संचालक रमेश प्रसाद वर्मा के पुत्र चंदन कुमार के साथ तय की थी। विनोद साह के यहां 27 अप्रैल 2009 को बरात आनी थी। आरोप है कि शादी के लिए वर पक्ष के लोगों को एक लाख रुपये नकद और 50 हजार रुपये का सामान भी लड़की पक्ष के लोगों ने दे दिया था। शादी की तिथि नजदीक आने पर लड़का पक्ष के लोग दहेज में छह लाख रुपये देने की मांग करने लगे। आरोप है कि जब लड़की पक्ष ने छह लाख रुपये देने में असमर्थता जाहिर की तो लड़का पक्ष ने शादी करने से इन्कार कर दिया। साथ ही दहेज में लिए गए रुपये को भी वापस नहीं किया।
शादी तोड़े जाने के बाद विनोद साह ने सीजेएम के कोर्ट में चंदन कुमार, उसके पिता रमेश प्रसाद वर्मा और उसकी मां सुशीला देवी के विरुद्ध परिवाद दर्ज कराया। परिवाद के आधार पर गोरौल थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई। इस मामले में पुलिस ने 31 जुलाई 2009 को आरोपपत्र कोर्ट में समर्पित किया। इन तीनों के विरुद्ध 14 जुलाई 2010 को आरोप गठन किया गया। इस मामले में एपीओ संजीव कुमार ने आठ गवाहों को कोर्ट में प्रस्तुत किया। इसके आधार पर सोमवार को तीनों को अनुमंडल न्यायिक दंडाधिकारी अनंत कुमार ने दहेज निरोधक अधिनियम की धारा चार के तहत दोषी पाते हुए एक-एक वर्ष का कारावास और पांच-पांच हजार अर्थदंड की सजा सुनाई।