कैरोसिन तेल में कटौती से उपभोक्ताओं में भारी ¨चता
संवाद सूत्र, पातेपुर : आपूर्ति विभाग ने कैरोसिन तेल के निर्धारित कोटे में भारी कटौती क
संवाद सूत्र, पातेपुर :
आपूर्ति विभाग ने कैरोसिन तेल के निर्धारित कोटे में भारी कटौती कर दी है। प्रतिमाह प्रखंड के लिए तय कोटे में आधी से भी ज्यादा कटौती कर दी गई है। अब पूर्वीकता प्राप्त उपभोक्ताओं को ही किरासन तेल मिलेगा। करीब 65 हजार परिवार चालू नवंबर माह से कैरोसिन तेल से वंचित रहेंगे। कैरोसिन तेल अब न मिल पाने की सूचना से उपभोक्ताओं में भारी ¨चता बनी है। उपभोक्ताओं के संभावित बवाल से आशंकित फेयर प्राइस डीलर्स एसोसिएशन ने राज्य सरकार एवं जिला प्रशासन से उपभोक्ताओं को जागरूक करने की मांग की है ताकि टकराव की स्थिति पैदा न हो सके।
123912 लीटर की हुई है कटौती
32 पंचायतों वाले जिले के सबसे बड़े प्रखंड पातेपुर की जनसंख्या साढ़े तीन लाख से अधिक है। कैरोसिन तेल के रूप में प्रखंड को तय कोटे के अनुसार गत अक्टूबर माह तक 02 लाख 52 हजार लीटर कैरोसिन तेल का आवंटन मिला है। केंद्र सरकार के ताजा निर्णय के बाद आपूर्ति विभाग ने प्रखंड को प्रति माह मिलने वाले आवंटन में 01 लाख 28 हजार 88 लीटर की कटौती कर दी है। कटौती के बाद अब प्रखंड को 01 लाख 23 हजार 912 लीटर ही कैरोसिन तेल मिलेगा।
कितने परिवार हुए वंचित
कैरोसिन तेल में लगातार कटौती की जा रही है। पहले उपभोक्ताओं को तीन लीटर कैरोसिन मिल रहा था। उसके बाद पौने तीन, ढाई, फिर दो लीटर 400 मिलीग्राम, इसके बाद दो लीटर किया गया था। ताजा निर्णय के अनुसार अब पूर्वीकता प्राप्त यानी पीएचएच के लाभार्थियों को ही दो लीटर कैरोसिन मिलेगा। इस तरह प्रखंड के 65 हजार परिवार अब कैरोसिन तेल से वंचित रहेंगे।
उपभोक्ताओं के आक्रोश से डीलर भयभीत
खासकर ग्रामीण क्षेत्र के डीलर उपभोक्ताओं के आक्रोश की आशंका से भयभीत हैं। डीलरों ने कहा कि गांव के पढ़े-लिखे लोगों को ही मालूम है कि कोटे में कटौती ऊपर से ही हुआ है। वे सीधे डीलर को ही जिम्मेवार ठहराएंगे।
संघ ने सरकार और प्रशासन से की पहल की मांग
पातेपुर फेयर प्राइस डीलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष सतेंद्र प्रसाद ने बताया कि संघ की ओर से जिला प्रशासन, जिला आपूर्ति, खाद्य उपभोक्ता विभाग बिहार सरकार को संभावित हंगामा को लेकर अवगत कराया गया है। कोटे में कटौती की जानकारी देने के साथ लोगों को जागरूक किए जाने की मांग की गई है ताकि लोग जान सकें कि यह क्यों करना पड़ा।