गंगा नदी ने धारण किया रौद्र रूप, जलस्तर में हो रही लगातार वृद्धि
12 दिनों से पानी भरने के बावजूद भी जिला से कोई पदाधिकारी ना तो सर्वे करने के लिए आए हैं और ना ही कोई राहत कर स्थानीय जिला पदाधिकारी के द्वारा बाढ़ में फंसे लोगों के बीच चलाया जा रहा है। प्राप्त जानकारी के अनुसार राघोपुर प्रखंड में 30 छोटी नाव एवं 7 बड़ी नाव एवं एसडीआरएफ टीम की व्यवस्था एवं पॉलिथीन सीट की व्यवस्था की गई है। इस संबंध में अंचलाधिकारी राघोपुर राणा अक्षय प्रताप ¨सह बात करने पर उन्होंने बताया कि बाद में निचले इलाकों में फंसे लोगों के लिए जिला से निर्देश आने पर कोई अगला कदम उठाया जाएगा तत्काल जिला से कोई निर्देश नहीं है।
वैशाली। पिछले तीन दिनों लगातार बढ़ रहे जलस्तर से गंगा नदी ने अब अपना रौद्र रूप दिखाना शुरू कर दिया है। राघोपुर, सहदेई, बिदुपुर व महनार के कई इलाके बाढ़ के पानी से घिर गए हैं। बाढ़ की सबसे ज्यादा विकट स्थिति राघोपुर में बनी हुई है। राघोपुर के निचले इलाके पहले से ही बाढ़ के पानी में डूबे हुए हैं। जलस्तर में वृद्धि से अब लोग अपना घर छोड़कर ऊंचे स्थान की तलाश में निकलने लगे हैं। वहीं अब बाढ़ का पानी धीरे-धीरे नये इलाके में प्रवेश करने लगा है। राघोपुर की कई पंचायतों का मुख्यालय व दूसरी पंचायतों से सड़क संपर्क टूट चुका है। इधर तेरसिया व छौंकिया में भी धीरे-धीरे बाढ़ का संकट बढ़ने लगा है। वहीं सोनपुर के दियारा इलाके में भी बाढ़ की समस्या गहरा गई है। बाढ़ की विभीषिका अब स्थानीय लोग व जनप्रतिनिधि प्रशासन से बाढ़ पीड़ितों को राहत मुहैया कराने की मांग कर रहे हैं।
मालूम हो कि राघोपुर प्रखंड की सभी पंचायतें पिछले बारह दिन से बाढ़ की पानी से घिरा हुआ है। चक¨सगार, वीरपुर, जुड़ावनपुर, जुड़ावनपुर करारी, राघोपुर पूर्वी, जहांगीरपुर, जफराबाद आदि निचले पंचायतों के सैकड़ों परिवार बाढ़ की वजह से हाजीपुर और पटना आदि जगहों के लिए पलायन कर चुके हैं। बाढ़ की वजह से मवेशियों के लिए चारा जुटाना भी अब पशुपालकों के लिए परेशानी का सबब बन गया है। रामपुर करारी, रामपुर, लंका, हजपुरवा, शिवनगर, मदहा, परोहा आदि गांव में बाढ़ में फंसे लोगों की स्थिति काफी दयनीय है। मवेशी के लिए चारा लाने एवं दैनिक उपयोग का सामान लाने के लिए जान हथेली पर रखकर एक स्थान से दूसरे स्थान जाना पड़ रहा है। गंगा नदी के जलस्तर में लगातार हो रही वृद्धि से फतेहपुर-रुस्तमपुर मुख्य मार्ग पर कई जगह सड़क पर बाढ़ का पानी चढ़ गया है। रुस्तमपुर से बीरपुर जाने वाले मुख्य मार्ग पर पानी भर जाने से पिछले दस दिनों से आवागमन बाधित है। दिनों से मुख्य मार्ग बाधित है। राहत कार्य शुरू नहीं से लोगों में आक्रोश
बाढ़ में फंसे लोगों के आवागमन का एकमात्र साधन नाव बचा है। बाढ़ में फंसे चक¨सगार के विकास ¨सह, सुनील ¨सह, वीरपुर के देवेंद्र राम, राघोपुर के मनोज कुमार, हजपुरवा के उमेश दास, जहांगीरपुर के उदय ¨सह, सैदाबाद के राम जीवन पासवान ने बताया कि बाढ़ की वजह से उन लोगों की परेशानियां लगातार बढ़ती ही जा रही है। इसके बावजूद प्रशासनिक स्तर पर कोई राहत उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है। ग्रामीणों का आरोप है कि प्रशासन की ओर से जो नाव उपलब्ध कराया गया है वह सिर्फ कागजों पर ही चल रही है। साथ ही यह भी आरोप लगाया कि बारह दिन बाद भी कोई प्रशासनिक पदाधिकारी बाढ़ पीड़ितों की सुधि लेने नहीं पहुंचे हैं। मोबाइल नेटवर्क भी दे रहा है धोखा
बाढ़ की विभीषिका झेल रहे लोगों को अब मोबाइल का नेटवर्क भी धोखा देने लगा है। पहाड़पुर पूर्वी-पश्चिमी, राघोपुर पूर्वी-पश्चिमी, जुड़ावनपुर करारी, जुड़ावनपुर बरारी, वीरपुर, चक¨सगार आदि पंचायतों में बाढ़ के पानी आने के बाद मोबाइल का नेटवर्क गायब हो गया है। कभी-कभी छत पर मोबाइल का नेटवर्क मिलता है लेकिन वह काम नहीं करता है।
जानकारी के अनुसार प्रखंड के जिन पंचायतों में मोबाइल का टावर लगा हुआ है वह बाढ़ के पानी में डूब गया है। इस वजह से वह टावर काम नहीं कर रहा है।