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अष्टधातु की तस्करी से जुड़ा निकला ट्रिपल मर्डर का मामला

ट्रिपल मर्डर मामले का 24 घंटे के अंदर पुलिस ने पर्दाफाश करते हुए दो अपराधियों को गिरफ्तार किया। वहीं दिसंबर 2020 में पूर्व वार्ड पार्षद ललित यादव एवं जनवरी 2021 में लूट के दौरान एक किशोर की हुई हत्या मामले का भी पुलिस ने पर्दाफाश कर लिया।

By JagranEdited By: Published: Sun, 04 Apr 2021 06:45 PM (IST)Updated: Sun, 04 Apr 2021 06:45 PM (IST)
अष्टधातु की तस्करी से जुड़ा निकला ट्रिपल मर्डर का मामला
अष्टधातु की तस्करी से जुड़ा निकला ट्रिपल मर्डर का मामला

सुपौल। ट्रिपल मर्डर मामले का 24 घंटे के अंदर पुलिस ने पर्दाफाश करते हुए दो अपराधियों को गिरफ्तार किया। वहीं दिसंबर 2020 में पूर्व वार्ड पार्षद ललित यादव एवं जनवरी 2021 में लूट के दौरान एक किशोर की हुई हत्या मामले का भी पुलिस ने पर्दाफाश कर लिया।

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इन तीनों मामले में आठ अपराधियों को गिरफ्तार करने में पुलिस ने सफलता हासिल की है। पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार ने रविवार को ट्रिपल मर्डर मामले का पर्दाफाश करते हुए कहा कि दो अप्रैल को सुपौल-पिपरा पथ से निर्मली की ओर जाने वाली सड़क पर बने पुल के समीप मिले तीन शव जो सदर थाना क्षेत्र की गोठ बरुआरी पंचायत के कैंप टोला निवासी मो. इस्लाम, इसी पंचायत के कजरा निवासी परमेश सिंह तथा मल्हनी पंचायत के सोनक निवासी रहमतुल्लाह का था। इस मामले में एक विशेष टीम का गठन डीएसपी कुमार इन्द्र प्रकाश के नेतृत्व में किया गया। टीम ने अनुसंधान में पाया कि तीनों अष्टधातु से बनी प्लेट की खरीद-बिक्री के कारोबार में संलिप्त था। जिसके बाबत तीनों विभिन्न कारोबारियों व तस्करों से करीब एक करोड़ रुपये अग्रिम लिए हुए था।

अष्टधातु की बनी प्लेट की डील नेपाल के तस्करों से करोड़ों रुपये में हुई थी। इसी क्रम में रुपये के लेन-देन व अष्टधातु की बनी प्लेट के आदान-प्रदान में हेराफेरी के कारण तीनों की हत्या कर दी गई। इस मामले में पुलिस ने करजाईन थाना के हरिराहा निवासी रामचंद्र मंडल व राघोपुर थाना के गिरीपट्टी, वार्ड नं.-8 निवासी त्रिभुवन यादव की गिरफ्तारी की है। वहीं एकमा के अविनाश कुमार जिसके शरीर पर भी मारपीट के निशान हैं को फिलहाल हिरासत में लिया गया है। घटना स्थल से दो लाठी व एक सिरींज भी बरामद किया गया है। बताया कि अष्टधातु का प्लेट जो गिरोह लेने आया था वह अंतरराष्ट्रीय गिरोह है। इसमें चार नेपाली नागरिक हैं जिसमें से एक डॉक्टर है। इसके अलावा पांच अपराधी की पहचान की गई जिसमें त्रिभुवन एक है। लेनदेन में जो मुख्य भूमिका निभाया था वह रामचंद्र है।

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कंट्रैक्ट कीलर ने की थी पूर्व पार्षद ललित यादव की हत्या

पुलिस अधीक्षक ने बताया कि 24 दिसम्बर 2020 की शाम सुपौल नगर परिषद के वार्ड नंबर-28 के पूर्व वार्ड पार्षद ललित यादव की हत्या उसके आवास पर ही कर दी गई थी। पुलिस ने इस मामले में दो शूटर शंकरपुर थाना के मौरा खाप, वार्ड नं.-12 निवासी गजेन्द्र पंडित एवं त्रिवेणीगंज थाना के कसहा निवासी सुबोध यादव को गिरफ्तार किया है। इस मामले में दो की गिरफ्तारी पहले ही हो चुकी है। उन्होंने बताया कि इस मामले में कंट्रैक्ट किलिग का पैसा जो चेक के माध्यम से दिया गया था वह चेक भी बरामद कर लिया गया है जो दो लाख बीस हजार का है। उन्होंने बताया कि एक लड़की के साथ जबर्दस्ती की कोशिश की जा रही थी। इस मामले में ललित यादव के खिलाफ एक मामला भी दर्ज हुआ था। सुबोध यादव व इसके ग्रुप को ललित के हत्या की सुपारी दी गई। इस मामले में पंचानंद दास एवं प्रमोद तांती की गिरफ्तारी पूर्व में हो चुकी है।

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पिटू हत्याकांड में चार की गिरफ्तारी

पुलिस अधीक्षक ने बताया कि 16 जनवरी 2021 की रात सुपौल-पिपरा रोड में बगही चौक से आगे मोटरसाइकिल सवार अपराधियों द्वारा गम्हरिया थाना के मानपुर, वार्ड नं.-1 निवासी पिटू यादव की हत्या लूटपाट के दौरान कर दी गई थी। इसे ले एक टीम का गठन किया और टीम ने वैज्ञानिक अनुसंधान के आधार पर अपराधियों की पहचान कर चार को गिरफ्तार कर लिया। ये गिरफ्तार अपराधी सदर थाना के डकही घाट, वार्ड नं.-5 निवासी प्रमोद कुमार, जिला मुख्यालय के चकला निर्मली, वार्ड नं.-6 निवासी मो.फिरोज, विद्यापुरी वार्ड नं.-2 निवासी मनीष चौधरी, वार्ड नं.-4 निवासी नवीन कुमार एवं वार्ड नं.-3 निवासी कृष्णा कुमार है। मनीष का आपराधिक इतिहास रहा है और सदर थाना में कई मामले इसके विरुद्ध् दर्ज हैं।

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कांडों का पर्दाफाश करने के लिए टीम को 51 हजार का इनाम

तीनों कांडों के पर्दाफाश के लिए गठित टीम और पुलिस अधिकारियों को पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार ने 51 हजार नगद राशि से पुरस्कृत किया। गठित टीम और छापामारी दल में एसडीपीओ सुपौल कुमार इंद्रप्रकाश, पुलिस निरीक्षक संदीप कुमार सिंह,अवर निरीक्षक रजनीश कुमार केसरी,विनोद कुमार सिंह, सुमन कुमार, रामइकबाल पासवान, संजीव कुमार, प्रशांत कुमार, संतोष कुमार निराला, डीआइयू टीम गोपनीय शाखा के साथ-साथ 12 पुलिसकर्मी शामिल हैं।


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