आमान परिवर्तन के बाद लंबी दूरी की ट्रेन का इंतजार
आमान-परिवर्तन के नाम पर लंबे इंतजार के बाद सहरसा-फारबिसगंज रेलखंड के सहरसा-सुपौल रेलवे स्टेशन के बीच गाड़ियों का परिचालन 01 दिसंबर 2019 से सुनिश्चित हो गया।
सुपौल। आमान-परिवर्तन के नाम पर लंबे इंतजार के बाद सहरसा-फारबिसगंज रेलखंड के सहरसा-सुपौल रेलवे स्टेशन के बीच गाड़ियों का परिचालन 01 दिसंबर 2019 से सुनिश्चित हो गया। इस रेलखंड पर पहले एक जोड़ी तथा कुछ दिन बाद एक जोड़ी और यानि दो जोड़ी सवारी गाड़ी का परिचालन हो रहा है। लोगों को उम्मीद थी कि परिचालन सुनिश्चित होने के बाद लंबी दूरी तक जाने वाली गाड़ी यहां से दी जाएगी जो फिलहाल नहीं दिख रहा। दो माह से अधिक समय बीत जाने के बावजूद यहां के लोगों को अब तक लंबी दूरी की गाड़ी की आस पूरी नहीं हो पाई है। नतीजा है कि लोगों को लंबी दूरी की गाड़ी के लिए अब भी सहरसा, दरभंगा और पटना का ही भरोसा है।
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सांसद ने दिया था भरोसा
आमान-परिवर्तन के नाम पर वर्षो इंतजार के बाद 1 दिसंबर को सुपौल रेलवे स्टेशन पर एक समारोह आयोजित कर इस रेलखंड पर गाड़ियों की परिचालन शुरू हुआ। स्थानीय सांसद दिलेश्वर कामैत, विधान परिषद के कार्यकारी सभापति हारूण रसीद, डीआरएम समस्तीपुर अशोक माहेश्वरी आदि ने हरी झंडी दिखा कर सुपौल रेलवे स्टेशन से सहरसा के लिए रवाना किया। आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए सांसद ने कहा था कि जल्द ही यहां से पटना, दिल्ली, कोलकाता आदि के लिए गाड़ी दी जाएगी। उन्होंने कहा था कि राजरानी सुपरफास्ट, जनहित, हाटे बजारे आदि के सुपौल से से परिचालन को ले वे रेल मंत्री से आग्रह करेंगे। मौके पर डीआरएम ने भी कहा था इस दिशा में उनकी ओर से सकारात्मक पहल की जाएगी और मंत्रालय से हरी झंडी मिलने के बाद इस रेलखंड पर गाड़ियों की संख्या में इजाफा होगा। लोगों को आशा थी कि अब उन्हें लंबी दूरी की गाड़ी पकड़ने के लिए अन्य रेलवे स्टेशनों पर भटकना नहीं पड़ेगा और उन्हें सुपौल रेलवे स्टेशन से ही पटना, दिल्ली और कोलकाता के लिए सीधी गाड़ी की सुविधा मिलेगी।
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सुपौल और सरायगढ़ रेलवे स्टेशन के बीच आमान-परिवर्तन का कार्य पूरा होने के बाद इस रेलखंड पर स्पीड ट्रायल और सीआरएस निरीक्षण का कार्य पूरा हो चुका है। अब बस गाड़ी के परिचालन का इंतजार है। लोगों को लग रहा है कि सरायगढ़ तक परिचालन सुनिश्चित होने के बाद इस रेलखंड पर गाड़ियों की संख्या में इजाफा होगा और लंबी दूरी की गाड़ी का परिचालन होगा। देखना है लोगों की आशा पूरी होने में और कितना वक्त लगता है और लोगों को कब मिल पाती लंबी दूरी के गाड़ी की सुविधा।