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बुजुर्गों को स्वावलंबी बना रहा अक्षयवट बुजुर्ग महासंघ

बुजुर्गों के प्रति समाज का दृष्टिकोण बदलने के साथ-साथ लाचारी एवं बेबसी की जिदगी गुजर-बसर कर रहे बुजुर्गों को आत्मनिर्भर एवं स्वावलंबी बनाने में शिद्दत से जुटा है अक्षयवट बुजुर्ग महासंघ।

By JagranEdited By: Published: Sat, 22 Jan 2022 10:43 PM (IST)Updated: Sat, 22 Jan 2022 10:43 PM (IST)
बुजुर्गों को स्वावलंबी बना रहा अक्षयवट बुजुर्ग महासंघ
बुजुर्गों को स्वावलंबी बना रहा अक्षयवट बुजुर्ग महासंघ

गौरीश मिश्रा, करजाईन बाजार (सुपौल)। बुजुर्गों के प्रति समाज का दृष्टिकोण बदलने के साथ-साथ लाचारी एवं बेबसी की जिदगी गुजर-बसर कर रहे बुजुर्गों को आत्मनिर्भर एवं स्वावलंबी बनाने में शिद्दत से जुटा है अक्षयवट बुजुर्ग महासंघ। कोसी के कछार में बसे सुपौल जिला एवं कमला के कछार में बसे मधुबनी एवं दरभंगा जिले के विभिन्न गांवों में बुजुर्गों के बीच फैलाई जा रही खुशहाली से बुजुर्ग समृद्ध हो रहे हैं। वर्ष 2016 में गठित अक्षयवट बुजुर्ग महासंघ के माध्यम से सुपौल जिला के छातापुर, बसंतपुर, राघोपुर एवं प्रतापगंज प्रखंड के कई गांवों में समूह के माध्यम से बुजुर्गों को तरक्की की राह दिखाने के बाद दरभंगा एवं मधुबनी जिले के गांवों तक पहुंचकर बुजुर्गों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए वृद्ध स्वयं सहायता समूह के गठन का मार्ग प्रशस्त किया गया।

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आज सुपौल, मधुबनी एवं दरभंगा जिले की विभिन्न पंचायतों में सैकड़ों वृद्ध स्वयं सहायता समूह का गठन किया जा चुका है। इन समूह से 15 से 20 हजार से अधिक वृद्ध जुड़े हुए हैं। समूह के माध्यम से गठित ग्राम स्तरीय फेडरेशन के पास बुजुर्गों के द्वारा जमा की गई छोटी-छोटी राशि लाखों रुपये में पहुंच चुकी है। इस राशि से वृद्ध जीविकोपार्जन में जुटे हुए हैं। समूह से जुड़े वृद्ध समूह में जमा राशि से आर्थिक उपार्जन के लिए काम-धंधे के साथ-साथ शादी-विवाह, श्राद्ध कर्म सहित अन्य जरूरतों को भी पूरा कर रहे हैं। महासंघ के द्वारा बुजुर्गों को आर्थिक सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से जैविक खाद निर्माण, डी कंपोजर निर्माण, मसाला निर्माण, मास्क निर्माण, अनाज खरीद-बिक्री, मुर्गी पालन, बकरी पालन आदि का कार्य भी किया जा रहा है। इससे जुड़कर बुजुर्ग आर्थिक रूप से सबल हो रहे हैं। आज हालत ये है कि इस क्षेत्र के बुजुर्ग महासंघ के सहयोग एवं अपनी मेहनत एवं जज्बे से आत्मनिर्भर होकर जीवन व्यतीत कर रहे हैं।

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अब बुजुर्ग नहीं हैं परिवार पर आश्रित

अक्षयवट बुजुर्ग महासंघ के अध्यक्ष सीताराम मंडल एवं सचिव हेमलता देवी ने बताया कि स्वयंसेवी संस्था हेल्प एज इंडिया के सहयोग से अक्षयवट बुजुर्ग महासंघ कोसी से कमला के कछार तक के बुजुर्ग नित्य कामयाबी के झंडे बुलंद कर रहे हैं। सुपौल जिला के विभिन्न प्रखंडों तथा मधुबनी एवं दरभंगा जिले के विभिन्न गांवों में बुजुर्गों के कल्याण के लिए महासंघ जुटा है। महासंघ के माध्यम से कोरोना काल में बुजुर्गों के आर्थिक उपार्जन के लिए मास्क निर्माण का कार्य शुरू किया गया। साथ ही जैविक खाद निर्माण, मसाला निर्माण के साथ अन्य कई प्रकार के कार्यों के द्वारा बुजुर्गों को आर्थिक रूप से सबल बनाया जा रहा है। इसके अलावा सरकारी योजना से जुड़ाव के लिए भी बुजुर्गों को सहायता एवं जागरूक किया जाता है। आज हालत यह है कि अक्षयवट बुजुर्ग महासंघ के माध्यम से जुड़कर बुजुर्ग आत्मनिर्भर बनकर सम्मानजनक जीवन व्यतीत कर रहे हैं साथ ही अपने परिवार को भी सहायता प्रदान कर रहे हैं।


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