ठंड ने जमाया डेरा, धूप पर पछुआ हवा का पहरा
जागरण संवाददाता सुपौल रविवार की रात ठंड से ठिठुरते लोगों का अनुमान था कि पिछले दो ि
जागरण संवाददाता, सुपौल : रविवार की रात ठंड से ठिठुरते लोगों का अनुमान था कि पिछले दो दिनों की तरह सुबह धूप निकलेगी जिससे दिनभर ठंड से राहत रहेगी। लोगों का अनुमान गलत साबित हुआ और काफी देर से धूप निकली। धुंध छाए रहने के कारण धूप की तपिश गुम रही। मौसम विभाग का अनुमान है कि मंगलवार को भी धुंध छाया रहेगा। विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार ठंड में और वृद्धि हो सकती है।
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पूस की पूर्णिमा को नदी में स्नान का है धार्मिक महत्व
पूस महीने के पूर्णिमा को नदी में स्नान का विशेष महत्व है। इस इलाके में लोग कोसी स्नान करते हैं। ठंड इतनी पानी छूते मानों हाथ सुन्न हो गया हो। ऐसे में लोगों को नलों पर स्नान करने में परेशानी हो रही थी। अब नदी में ना सही लेकिन नलों और चापाकलों पर नहीं चाहते हुए लोगों को स्नान करना पड़ा। जिनके घर हीटर और गिजर का इस्तेमाल होता है उन्हें तो कुछ आराम था लेकिन नलों पर स्नान करनेवालों के दांत ठंड से किटकिटाते रहे। घरों में बड़े-बुजुर्गों के लिए चूल्हे पर पानी गर्म कर स्नान कराया गया। बच्चे स्नान करने से भागते रहे और मां उन्हें समझा रही थी कि पूस की पूर्णिमा को स्नान नहीं करने से भगवान नाराज हो जाते हैं।
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विद्युत उपकरणों की मांग बढ़ी
ठंड के कारण एक ओर गर्म कपड़ों की बिक्री में बढ़ोतरी महसूस की जा रही है तो दूसरी तरफ विद्युत उपकरणों की मांग भी बढ़ गई है। स्थानीय विक्रेताओं का कहना है कि हाल के तीन-चार दिनों से हीटर, ब्लोअर, एमर्शन राड आदि की बिक्री में तेजी आई है। ठंड अगर इसी तरह रही तो इसमें और तेजी आएगी।
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गरीबों को अलाव का सहारा
विद्युत उपकरणों से ठंड को दूर भगाने की जुगत में जहां संपन्न वर्ग के लोग दिखते हैं वहीं गरीबों को अलाव का ही सहारा है। ग्रामीण इलाकों में तो अभी दिन और रात कभी भी अलाव की आग ठंडी नहीं हो रही है। खासकर बुजुर्ग और बच्चे इसे घेरे बैठे रहते हैं। शहरी क्षेत्र में भी विभिन्न चौक-चौराहों पर अलाव की प्रशासनिक व्यवस्था की गई है। यहां राहगीरों को आग सेंकते देखा जा सकता है।