उद्घाटन के कुछ दिनों बाद अस्पताल से शिशु वार्ड गुम
सुपौल : सरकार मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सेवा मुहैया कराने की दिशा में एक से एक योजनाएं लाती है। लेकि
सुपौल : सरकार मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सेवा मुहैया कराने की दिशा में एक से एक योजनाएं लाती है। लेकिन धरातल पर योजनाएं मरीजों तक पहुंचने से पहले ही दम तोड़ देती है। यह बातें कहीं और दिखे या न दिखे। लेकिन सुपौल जिले के सदर अस्पताल में तो देखने को मिल रहा है। गत वर्ष इस सदर अस्पताल में एक योजना के तहत शिशु वार्ड का शुभारंभ किया गया था। लेकिन विडंबना देखिए कि उक्त वार्ड के दरवाजे पर शुभारंभ के कुछ दिन बाद जो ताला लटका वह लटका ही हुआ है। स्थिति यह है कि वार्ड रहने के बावजूद इस अस्पताल में बड़ों के वार्ड में बड़ों के साथ बच्चों का भी इलाज हो रहा है।
------------------------2015 में हुआ था उद्घाटन
सदर अस्पताल में शिशु वार्ड का उद्घाटन 3 नवंबर 2015 को सिविल सर्जन द्वारा किया गया था। मालूम हो कि चीफ मेडिकल आफिसर सह स्टेट प्रोग्राम आफिसर, चाइल्ड हेल्थ ने सिविल सर्जन को पत्र भेजकर सदर अस्पताल में शिशु वार्ड प्रारंभ करने का निर्देश दिया था। इस निर्देश में यह भी बताया गया था कि मंत्री, स्वास्थ्य, बिहार सरकारी की अध्यक्षता में आहूत स्वास्थ्य विभाग की समीक्षात्मक बैठक की कार्यवाही के तहत मंत्री के निदेश के आलोक में 31 अक्टूबर तक सभी अस्पतालों में शिशु वार्ड प्रारंभ किया जाना था। उक्त निर्देश के आलोक में शिशु वार्ड का शुभारंभ सदर अस्पताल में किया गया था।
------------------------पांच साल तक के बच्चों को लिया जाना है भर्ती
शिशु वार्ड के उद्घाटन के मौके पर यह बताया गया था कि इस वार्ड में पांच साल तक के बच्चों को भर्ती लिया जाएगा। यह भी बताया गया था कि वार्ड को सुसज्जित करना अभी बाकी है। वार्ड में एक एएनएम व एक चतुर्थ वर्गीय कर्मचारी को प्रतिनियुक्त किए जाने व दवा की पर्याप्त व्यवस्था रहने की भी बात कही गई थी। साथ ही यह भी बताया गया था कि तत्काल इसे तीन बेड का ही वार्ड बनाया गया है। भविष्य में इसे और बढ़ाया जाएगा। लेकिन दुखद पहलू यह है कि वार्ड में बेड की संख्या बढ़ना व उसे सुसज्जित करना तो दूर की बात इसे कई माह से खोला भी नहीं गया है।
------------------------हटा दिया गया वार्ड का नाम
शिशु वार्ड ओपीडी के नजदीक यानि कमरा नंबर 32 में खोला गया था। फिलहाल अस्पताल भवन का पूरा चक्कर लगा लेंगे बावजूद शिशु वार्ड नहीं मिलेगा। कारण शिशु वार्ड के गेट के उपर लिखे नाम को भी हटा दिया गया है। कमरे के भीतर रखे तीन बेड और उस पर बिछे पीले रंग के चादर जरूर मिल जाएंगे। लेकिन कमरे की स्थिति यह बयां कर देगी कि इस कई माह से खोला नहीं गया है।