गांवों की दुकान में चल रहा नकली का धंधा
सुपौल। प्रखंड क्षेत्र में दिनोंदिन आम लोगों के लिए रोजमर्रे की वस्तु में मिलावट का धंधा आम होने लगा
सुपौल। प्रखंड क्षेत्र में दिनोंदिन आम लोगों के लिए रोजमर्रे की वस्तु में मिलावट का धंधा आम होने लगा है। इस स्थिति में जहां कारोबारी मालामाल हो रहे हैं। वहीं क्षेत्र के आम लोग किसी भी वस्तु का उचित मूल्य देने के बावजूद इन मिलावटी वस्तुओं का सेवन कर कई जानलेवा बीमारियों के शिकार हो रहे हैं। इसकी शिकायत क्षेत्र के विभिन्न गांव सहित प्रखंड के प्रमुख बाजारों में भी है। यहां के अधिकांश दुकानों में नामी ब्रांड कंपनियों का लेबल लगे डब्बे में बंद घटिया सामानों की खुलेआम बिक्री हो रही है। इसमें सरसों तेल, नारियल तेल, मसाले, मैदा, सूजी, डालडा, रिफाईन आदि शामिल है। ठीक यही परिस्थिति सौंदर्य प्रशासन सामग्री की भी है। स्थानीय दुकानदार मूल्य से अधिक रकम लेने के साथ-साथ घटिया सुगंधित तेल, स्प्रे, साबुन, नेल पॉलिस, क्रीम सहित कई वस्तुओं को ढाई गुणा से भी ज्यादा कीमत पर बेचते हैं। क्षेत्र के लोगों का कहना है कि असली - नकली की पहचान नहीं होने से नाजायज फायदा दुकानदार द्वारा उठाया जाता है। ऐसे घटिया सामान कोलकोता, कटिहार जैसे बड़े बाजारों से स्थानीय दुकानदार द्वारा लाकर बेचा जा रहा है।