शिक्षा में सुधार की आज भी बनी है दरकार
सुपौल। सरकारी विद्यालयों में अध्ययनरत बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने हेतु प्रदेश सरकार
सुपौल। सरकारी विद्यालयों में अध्ययनरत बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने हेतु प्रदेश सरकार द्वारा व्यापक पहल किये जा रहे हैं। बावजूद निगरानी तंत्र की कमजोरी के कारण कतिपय विद्यालयों की स्थिति बद से बदतर बनी है। विभागीय अधिकारियों की उदासीनता व शिक्षकों की कर्तव्यहीनता की बदौलत ऐसे विद्यालयों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मुहैया कराना तो दूर की बात है। अलबत्ता सरकारी अनुदान राशियों की लूटखसोट जरूर मची है। विगत दिनों ऐप्स के माध्यम से विद्यालयों के मॉनेट¨रग की व्यवस्था की गई तो एकबारगी ऐसा लगा मानो अब विद्यालयों में शिक्षक व छात्र-छात्राओं की उपस्थिति में सुधार आएगी। परंतु इस व्यवस्था का भी कोई खास असर विद्यालयों पर नहीं देखने को मिल रहा। वास्तविकता यह है कि उक्त व्यवस्था को सरजमीं पर लागू करना भी टेढ़ी खीर है। शुक्रवार को जागरण संवाददाता स्थिति का जायजा लेने प्रखंड के लालगंज पंचायत स्थित प्रावि लालगंज तिलाठी (सरदार टोला) पहुंचे जहां विद्यालय में सात अध्यापक पदस्थापित हैं। शुक्रवार को विद्यालय प्रधान के अवकाश में रहने के कारण सहायक शिक्षक अबुल कलाम द्वारा विद्यालय संचालन किया जा रहा था। विद्यालय के पांचों कक्षाओं को मिलाकर कुल उपस्थिति मात्र 30 थी। वहीं सिर्फ तीन शिक्षक विद्यालय में मौजूद थे। मध्याह्न भोजन के मीनू अनुसार चावल छोला व अंडा या मौसमी फल बच्चों को खिलाया जाना था परंतु भोजन की कोई व्यवस्था विद्यालय में नहीं दिखी और न ही बच्चों ने एमडीएम खिलाये जाने की पुष्टि की। जबकि विद्यालय संचालन कर रहे शिक्षक का कहना था कि खाना दस बजे ही बच्चों को खिला दिया गया है। प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी लल्लू पासवान ने इस सन्दर्भ में शिकायत किये जाने के उपरांत आवश्यक कार्रवाई किये जाने की बात कही।