कार्यशाला में कर्मियों को पढ़ाया गया स्वच्छता का पाठ
सुपौल। प्रखंड मुख्यालय स्थित टीसीपी भवन में बुधवार को स्वच्छता संबंधी उन्मुखीकरण प्रशिक्षण का आयोजन
सुपौल। प्रखंड मुख्यालय स्थित टीसीपी भवन में बुधवार को स्वच्छता संबंधी उन्मुखीकरण प्रशिक्षण का आयोजन बीडीओ ममता कुमारी की अध्यक्षता में किया गया। उपस्थित सेविका, आशा कर्मी को स्वच्छता के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए यूनिसेफ के विश्वनाथ ने कहा कि स्वच्छता मानव समुदाय का एक आवश्यक गुण है। यह विभिन्न प्रकार की बीमारियों से बचाव के सरलतम उपायों में से एक प्रमुख उपाय है। यह सुखी जीवन की आधारशिला है। इसमें मानव की गरिमा, शालीनता और आस्तिकता के दर्शन होते हैं। स्वच्छता के द्वारा मनुष्य की सात्विक वृत्ति को बढ़ावा मिलता है। उन्होंने अपने घर, केंद्र और आंगनबाड़ी के बच्चों सहित आसपास के क्षेत्र को साफ रखने और शौचालय निर्माण पर बल देने की अपील की। अपने संबोधन में एसडीएम विनय कुमार ¨सह ने कहा कि सबसे बड़ी चुनौती खुले में शौच की प्रथा को खत्म करने की है। इससे समाज को नुकसान के बारे में बताना है। उन्होंने ने कहा कि स्वच्छता अभियान का संचालन कई दशकों पूर्व राष्ट्रपिता महात्मा गांधी द्वारा किया गया था। लेकिन जनजागरूकता के अभाव सहित कई कारणों से धरातल पर इसे बरकार नहीं रखा जा सका। वातावरण में स्वच्छता की महत्ता को देखते हुए कालांतर में सरकार द्वारा इस दिशा में भारी भरकम राशि खर्च कर योजना को अमलीजामा पहनाए जाने का कार्य प्रारंभ किया गया है। बीडीओ ने अपने संबोधन में कहा कि आज गांव के तकरीबन 65 प्रतिशत लोग खुले में शौच करते हैं। मानव मल में भारी संख्या में रोग के कीटाणु होते हैं जो बीमारी के कारण बनते हैं। उन्होंने कहा कि खुले में शौचमुक्त समाज बनेगा तो स्वास्थ्य बेहतर रहेगा।