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संक्रमण के दौर में अपने कर्तव्य पर डटे हैं हरिवंश फोटो नंबर 23 एसयूपी-4 कोरोना के इस
संक्रमण के दौर में अपने कर्तव्य पर डटे हैं हरिवंश फोटो नंबर 23 एसयूपी-4
कोरोना के इस जंग में अपने कर्तव्य का बखूबी निर्वहन में जुटे हैं सदर प्रखंड के स्वास्थ्य प्रबंधक हरिवंश कुमार सिंह। अपने प्रखंड क्षेत्र में स्वास्थ्य स्क्रीनिग कराना हो, सरकार की योजनाओं को अमली जामा पहनाना हो अथवा कोरोना वार्ड की व्यवस्था करनी हो वगैर किसी परवाह के अपना कर्तव्य निभा रहे हैं। उन्होंने बताया कि जिले का कोरोना वार्ड सदर प्रखंड अंतर्गत ही चल रहा है। उसकी पूरी देखरेख की जवाबदेही उन्हीं के जिम्मे है। मरीजों की दवा,समय पर भोजन इम्युनिटी डाइट के साथ का पूरा ख्याल रखते हैं। वार्ड की पूरी साफ-सफाई, मास्क, सैनिटाइजर का छिड़काव उनकी नित्य की जवाबदेही है। इसके अलावा सदर प्रखंड का क्वारंटाइन सेंटर ओबीसी हॉस्टल में चलता है जहां सैंपल कलेक्शन भी होता है की भी पूरी जवाबदेही है। इसके अलावा जो उनकी पूर्व से ड्यूटी है प्रखंड क्षेत्र में मेडिकल व्यवस्था, टीकाकरण, चलंत मेडिकल टीम की निगरानी का वे बखूबी निर्वहन कर रहे हैं।
हर कीमत पर अपना कर्तव्य निभाना है फोटो नंबर-23 एसयूपी-5
सदर अस्पताल में प्रबंधक की भूमिका में हैं अभिलाष कुमार वर्मा। जब से कोरोना संक्रमण का दौर शुरू हुआ सदर अस्पताल में ही पहले आइसोलेशन वार्ड की शुरुआत की गई। शुरुआती दौर में कोरोना का भय कुछ अधिक ही हुआ करता था। बावजूद स्वास्थ्य कर्मियों को प्रोत्साहित करते हर क्षण उनकी समस्याओं का समाधान करते अपने कर्तव्य में लगे रहे। इनका मानना है कि सच्ची लगन और आत्म विश्वास से अगर अपने कर्तव्य में लगे रहें तो कोई भी जंग जीती जा सकती है। इस दौर में स्वास्थ्यकर्मियों की ड्यूटी से लेकर उनकी समस्याओं के समाधान को लेकर भी हमेशा ये अपने को जवाबदेह मानते रहे हैं। इसके अलावा सदर अस्पताल के पूरा प्रबंधन का भी बखूबी निर्वहन कर रहे हैं।
सेवा को ही मान रहीं अपना धर्म
फोटो नंबर-23 एसयूपी-6 साहिबा सुमन सेवा को ही अपना धर्म मानती है। जिले के सुखपुर गांव में स्थित जीएनएम सेंटर जहां कोरोना वार्ड बनाया गया है वहां बतौर एएनएम अपनी सेवा दे रही है। भागलपुर की रहने वाली साहिबा का एक साल भर का बेटा है। कोरोना संक्रमण जब शुरू हुआ और इनकी ड्यूटी लग गई तो इन्होंने बेटे की देखरेख के लिए अपनी सास को बुला लिया। प्रत्येक दिन इनकी छह घंटे की ड्यूटी लगी है। बताती हैं कि शुरू में थोड़ा सा भय हुआ लेकिन बाद में ठानी कि यह तो मेरा जॉब है यदि इस जॉब में नहीं भी रहती तो भी पीड़ितों की सेवा में अपना समय गुजारती। वह समर्पित भाव से अपनी ड्यूटी कर रही है। बताती है कि यहां से जाने के बाद पहले स्नान करती हूं फिर बच्चे के पास जाती हूं। सतर्कता के साथ अपना काम करने तमें कहीं कोई परेशानी नहीं है।
नर में ही हैं नारायण
फोटो नंबर-23 एसयूपी-7 कोरोना वार्ड में बतौर एएनएम अपनी ड्यूटी निभा रही प्रियंका कुमारी बड़े ही फº के साथ कहती हैं ड्यूटी कहीं लगे अपना तो काम ही है मरीजों की सेवा करना। वैसे भी मेरा तो मानना है कि नर में ही नारायण है। मैं तो अपना धर्म निभा रही हूं आगे तो उपरवाले की ही न मर्जी चलेगी। प्रियंका की ड्यूटी भी प्रत्येक दिन की छह घंटे की लगी है। ये पटना की रहने वाली है, इनके एक पुत्र हैं । जब इनकी ड्यूटी होती है तो बच्चे की देखभाल इनके पति किया करते हैं। इनका कहना है कि मैंने तो सोच समझकर ही इस जॉब का सेलेक्शन की। इसीलिए मुझे कोई खास फर्क नहीं पड़ा। हां शुरू में बीमारी और वायरस नया था इसलिए थोड़ा भय हुआ लेकिन फिर जो मेरी सोच थी मैंने बेहिचक कोरोना वार्ड की ड्यूटी को कबूला और नियमित उसका निर्वहन कर रही हूं।