समुचित विकास के लिए तरस रहा सिमराही बाजार
सुपौल । सिमराही बाजार होकर दो राष्ट्रीय राजमार्ग एनएच 106 एवं सिलचर-पोरबंदर ईस्ट-वेस्ट-क
सुपौल । सिमराही बाजार होकर दो राष्ट्रीय राजमार्ग एनएच 106 एवं सिलचर-पोरबंदर ईस्ट-वेस्ट-कॉरिडोर एनएच 57 गुजरती है। बाहर से कई व्यापारी एवं अगल-बगल इलाके के लोग यहां व्यापार के सिलसिले में पहुंचने लगे हैं। बाजार के आगे भीमशंकर महादेव मंदिर, विष्णु धाम मंदिर, नरसिंह बाबा मंदिर आदि जैसे पवित्र एवं दर्शनीय स्थान भी हैं। यहां से 30 किलोमीटर पर नेपाल है इसलिए यहां काफी संख्या में पर्यटक पहुंचते हैं परंतु इस क्षेत्र के समुचित विकास की ओर किसी का ध्यान नहीं जाता है। अबतक इसका समुचित विकास नहीं हो पाया है। यहां बच्चों के खेलने के लिए न तो पार्क है और ना ही आमलोगों के लिए घूमने की कोई जगह है। स्थिति यह है कि यहां से दिल्ली, सिलीगुड़ी, पटना कोलकाता आदि जगहों पर जाने के लिए लोग पहुंचते हैं लेकिन यात्री सुविधा उपलब्ध नहीं है। यहां पर नो तो कोई शौचालय है और ना ही बस बस स्टैंड है। रात्रि सेवा वाली बसों से जाने वालों को सड़क के किनारे ही शौच और यूरिनल के लिए जाना पड़ता है। दिन में जो बस चलती है उसके लिए भी ना तो कोई राष्ट्रीय राजमार्ग पर यात्री शेड है और ना ही पर्याप्त जगह ही है। सड़क के किनारे नाला नहीं बनने से बरसात में जलजमाव से स्थानीय व्यवसायियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। स्थानीय लोगों का कहना है कि सिमराही बाजार दिन प्रतिदिन शहर बनने की ओर अग्रसर है पर प्रशासनिक-राजनीतिक उपेक्षा के कारण यह पिछली पंक्ति में खड़ा है। रात में यात्रियों को सड़क के किनारे घंटों सुबह होने तक का इंतजार करना पड़ता है। कूड़ेदान या साफ-सफाई की व्यवस्था नहीं रहने से जगह-जगह बड़े गंदगी से लोगों को परेशानी होती है। बाजार में एक रेफरल अस्पताल तो है लेकिन वहां सुविधाओं की घोर कमी है। अस्पताल का भवन भी जर्जर हो गया है। महिला चिकित्सक नहीं जाने से महिलाओं को खासी परेशानी का सामना करना पड़ता है। इलाज के लिए प्राइवेट नर्सिंग होम या बाहर जाना पड़ता है जिससे उन लोगों का आर्थिक दोहन भी होता है। स्थानीय लोगों ने प्रशासन से बस पड़ाव, शौचालय, यात्री शेड व कूड़ेदान बनवाने की मांग की है।