कोरोना संक्रमण के बीच निजी स्कूल के संचालकों की बढ़ी परेशानी
संवाद सहयोगी वीरपुर (सुपौल) कोविड-19 को लेकर सभी निजी विद्यालयों का संचालन 13 मार्च से ही स्
संवाद सहयोगी, वीरपुर (सुपौल): कोविड-19 को लेकर सभी निजी विद्यालयों का संचालन 13 मार्च से ही स्थगित है। जिसके कारण विद्यालय संचालकों एवं शिक्षकों के समक्ष भीषण समस्या खड़ी हो गई है। चार महीने से विद्यालय की आमदनी बंद है। चुकी सरकार के द्वारा जारी आदेश लॉकडाउन का अनुपालन किया जा रहा है। शिक्षकों का ट्यूशन भी बंद हो चुका है। ऐसी परिस्थिति में इन शिक्षकों के सामने भुखमरी की समस्या उत्पन्न हो गयी है। प्राइवेट स्कूल्स एसोसिएशन के उपाध्यक्ष एमके झा एवं सचिव प्रमोद कुमार ने कहा कि सरकार के द्वारा अन्य लोगों को विभिन्न तरह का राहत पैकेज भी दिया गया। परन्तु ऐसे शिक्षकों के लिए कुछ नहीं सोचा गया है। प्राइवेट स्कूल्स एसोसिएशन सुपौल के अध्यक्ष श्याम किशोर ठाकुर के द्वारा शिक्षकों के लिए जिलाधिकारी से आवेदन देकर मांग भी की गई थी जिसकी कॉपी मुख्यमंत्री एवं शिक्षा मंत्री तक भेजी गयी थी। परन्तु आज तक इस पर कोई पहल नहीं हुआ। एक तरफ जहां विद्यालय संचालक भुखमरी की समस्या से जूझ रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ मकान मालिक के द्वारा भाड़े का डिमांड भी किया जा रहा है। यहां विद्यालय के संचालक अपनी रोजी-रोटी के लिए एक संस्था बनाकर विद्यालय का संचालन करते हैं, जिसमें अधिकतर बेरोजगार युवक-युवतियों का गुजारा होता है। माह फरवरी से ही अभिभावकों के द्वारा फीस का भुगतान नहीं किया गया है। कुछ लोगों के द्वारा इस लॉकडाउन अवधि में फीस नहीं दिए जाने की भी बातें कही जा रही हैं। जबकि जिलाध्यक्ष ने अभिवावकों से फरवरी एवं मार्च माह के फीस के भुगतान करने की गुहार लगायी है। साथ ही मकान मालिकों से भी आग्रह किया है कि ऐसी भीषण परिस्थिति में विद्यालय वालों के ऊपर थोड़ी रहम करें। बाकी आप अपने भुगतान के लिए निश्चिंत रहें। विद्यालय के सुचारु रूप से संचालन होते ही आपके पैसे का भुगतान कर दिया जाएगा।