तीन साल में उपलब्धि महज 40 फीसद के करीब
जागरण संवाददाता सुपौल ग्रामीण क्षेत्रों में सरकार द्वारा संचालित महत्वपूर्ण योजना प्रधानमंत्री आव
जागरण संवाददाता, सुपौल: ग्रामीण क्षेत्रों में सरकार द्वारा संचालित महत्वपूर्ण योजना प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण जिले में कछुए की चाल चल रही है। या यूं कहें कि सरकार के इस महत्वपूर्ण योजना को जिले में जो गति मिलनी चाहिए थी वह अब तक नहीं मिल पाई है। दरअसल वित्तीय वर्ष 2016-17, 2017-18 तथा 2019-20 में विभाग ने जितने लाभुकों को योजना की प्रथम किस्त दी थी, उसमें से लगभग 40.95 प्रतिशत लाभुकों ने ही आवास को पूर्ण किया है। जबकि जिले को दिए गए लक्ष्य के हिसाब से देखें तो आवास पूर्ण होने की संख्या लगभग 31 प्रतिशत ही आती है। इस तरह यह कहना उचित होगा कि सरकार के इस महत्वपूर्ण योजना में लाभुकों के हठधर्मिता के कारण यह योजना जिले में पूर्व में संचालित इंदिरा आवास योजना की राह पकड़ ली है। दरअसल वित्तीय वर्ष 2016-17 से पूर्व यह योजना इंदिरा आवास के नाम से संचालित की जाती थी। 2016-17 में इंदिरा आवास योजना में बड़ा फेरबदल कर न सिर्फ योजना का नाम बदलकर प्रधानमंत्री आवास योजना कर दिया गया, बल्कि लाभुकों के चयन समेत राशि में बदलाव कर दिया गया। लेकिन सरकार द्वारा की गई इस योजना में बदलाव के बावजूद आवास निर्माण में कोई खास बदलाव नहीं हो पाया। योजना की वर्तमान स्थिति ऐसी है कि हर वर्ष इंदिरा आवास की तरह ही बदले योजना में अपूर्ण भवनों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो जा रही है। हालांकि विभाग ने भी समय-समय पर उजला व लाल नोटिस जारी कर योजना में गति लाने का प्रयास किया। बावजूद योजना को जो गति मिलनी चाहिए थी वह अब तक नहीं मिल पाई है।
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तीन वित्तीय वर्ष में 68074 लाभुकों को देना है लाभ
प्रधानमंत्री आवास योजना के नाम से वित्तीय वर्ष 2016-17 से संचालित इस योजना के तहत 2016-17, 2017-18, 2019-20 में कुल 68074 लाभुकों को लाभ देने का लक्ष्य जिला को प्राप्त हुआ, जिसके तहत विभाग द्वारा अब तक प्रथम किस्त के रूप में 52125 लाभुकों को लाभ दिया गया। जिन 52125 लाभुकों को प्रथम किस्त की राशि दी गई, उसमें से 31937 लाभुकों ने द्वितीय किस्त प्राप्त की। द्वितीय किस्त प्राप्त करने वाले लाभुकों में से 21459 लाभुक ही तृतीय किस्त ले पाए, जिनमें से अभी तक 21346 लाभुक ही अपना आवास पूर्ण किए हैं। इस तरह आंकड़े को देखें तो प्रथम किस्त जिन 52125 लाभुकों ने प्राप्त किया है उनमें से महज 21459 लाभुक तृतीय किस्त प्राप्त करने में सफलता पाई है। इस तरह सहज अंदाजा लगाया जा सकता है कि लाभुक ही योजना को ठेंगा दिखाने में पीछे नहीं हट रहे हैं। परिणाम है कि हर वर्ष जिले में अधूरे भवनों की संख्या बढ़ती ही जा रही है। अब तक विभाग से जो आंकड़े प्राप्त हुए हैं उसके मुताबिक बसंतपुर में प्रथम किस्त पाए 4813 लाभुकों में से 2249 लाभुकों ने अपना आवास पूर्ण किया है। जबकि छातापुर 3911 में से 2048, किशनपुर में 5493 में से 2247, मरौना में 5431 में से 1644, निर्मली में 2671 में से 928, पिपरा में 3645 में से 1751, प्रतापगंज में 2158 में से 1109, राघोपुर 6420 में से 2439, सरायगढ़ में 1,999 में से 1037, सुपौल में 9168 से 3179, त्रिवेणीगंज में 6416 में से 2715 लाभुकों ने अपने आवास को अभी तक पूर्ण किया है।