Move to Jagran APP

मां कुष्मांडा की पूजा-अर्चना कर मांगीं मन्नतें

सुपौल । शारदीय नवरात्र के दौरान मंगलवार को नवरात्र के चौथे दिन श्रद्धालुओं ने मां कुष्मांडा क

By JagranEdited By: Published: Tue, 20 Oct 2020 05:59 PM (IST)Updated: Tue, 20 Oct 2020 05:59 PM (IST)
मां कुष्मांडा की पूजा-अर्चना कर मांगीं मन्नतें
मां कुष्मांडा की पूजा-अर्चना कर मांगीं मन्नतें

सुपौल । शारदीय नवरात्र के दौरान मंगलवार को नवरात्र के चौथे दिन श्रद्धालुओं ने मां कुष्मांडा की पूजा-अर्चना कर की। माता के उपासक भक्त कुष्मांडा देवी की पूजा-अर्चना के लिए सुबह से ही मंदिरों में पहुंचने लगे। क्षेत्र के करजाईन बाजार, रतनपुर पुरानी बा•ार, नया बाजार, साहेवान, समदा गढ़ी, गोसपुर, परमानंदपुर, बौराहा, मोतीपुर, ढाढा आदि जगहों पर स्थित माता के मंदिरों में श्रद्धालु श्रद्धा-भक्ति के साथ माता की आराधना की। साथ ही संध्या बेला में दीप जलाकर आराधना की। करजाईन बाजार, रतनपुर पुरानी बाजार दुर्गा मंदिर में संध्या आरती एवं पुष्पांजलि कार्यक्रम में भक्तों ने भाग लिया। इस दौरान करजाईन में आचार्य धर्मेंद्रनाथ मिश्र एवं रतनपुर में पंडित अजय मिश्र के वेद ध्वनि से माहौल भक्तिमय हो गया।

loksabha election banner

--------------------------------------------

परम सुख प्रदान करती है स्कंदमाता

शक्ति की देवी मां दुर्गा का पंचम रूपांतर श्री स्कंदमाता है। श्री स्कंद (कुमार कार्तिकेय) की माता होने के कारण इन्हें स्कंदमाता कहा जाता है। नवरात्र के पंचम दिन यानि गुरुवार को इनकी पूजा-अर्चना की जाएगी। इस बारे में आचार्य पंडित धर्मेंद्रनाथ मिश्र ने बताया कि श्री स्कंदमाता की निष्ठापूर्वक आराधना करने से भक्तों को इस मृत्युलोक में ही परम शांति एवं सुख का अनुभव होने लगता है। स्कंदमाता के भक्तों के लिए मोक्ष का द्धार स्वयमेव सुलभ हो जाता है। साथ ही स्कंदमाता की उपासना से स्कंद भगवान (कुमार कार्तिकेय) की उपासना भी स्वयमेव हो जाती है। यह विशेषता केवल इन्हीं को प्राप्त है। इसलिए साधक, उपासक को श्री स्कंदमाता की पूजा-अर्चना विशेष ध्यान देकर नियम पूर्वक करनी चाहिए। इनके पूजन से सभी मनोवांछित फलों की प्राप्ति संभव है। आचार्य ने बताया कि स्कंदमाता की पूजा के दौरान साधकों को अपना चित्त विशुद्ध चक्र में स्थिर कर अपनी साधना करनी चाहिए। इससे विशुद्ध चक्र जागृत होनेवाली सिद्धियां स्वत: प्राप्त हो जाती है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.