बारिश ग्रामीण इलाकों में बाढ़ जैसे हालात, जलजमाव से शहरवासी परेशान
संवाद सहयोगी किशनगंज मानसून के दस्तक देते ही लगातार हो रही बारिश से जनजीवन पूरी तरह
संवाद सहयोगी, किशनगंज : मानसून के दस्तक देते ही लगातार हो रही बारिश से जनजीवन पूरी तरह बेहाल है। जिले 22 जून से ही हो रही बारिश के कारण नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है। जिस कारण ग्रामीण इलाकों में बाढ़ जैसे हालात बनने लगे हैं। खासकर नदी किनारे बसे गांवों पर कटाव व बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। वहीं जलजमाव से शहरवासी परेशान हैं। शहरी क्षेत्र में भी जगह-जगह जलजमाव होने व निचले इलाकों में रमजान नदी का पानी प्रवेश करने से लोग उंचे स्थलों की तलाश में जुट गए हैं।
महानंदा, डोक, मेची, रेतुआ, कनकई, रमजान समेत अन्य नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ने से लोगों को बाढ़ का डर सताने लगा है। लोगों को 2017 में आई सैलाब को याद सहमे हुए हैं। जब जब नदियों का जलस्तर बढ़ने की सूचना मिलती है तो लोग अपने आपको असुरक्षित महसूस करने लगते हैं। शहरी और ग्रामीण क्षेत्र के लोग तो बाढ़ की आश्का को देखते हुए अपने अपने घरों में खाने-पीने के राशन भी एकत्र करने में लगे हैं। इसी वजह से बाजार में आलू और प्याज के कीमते बढ़ने लगे हैं। इस समय लोग आलू और प्याज का स्टॉक् अपने घरों में करने में लगे हैं।
मानसून के बारिकश ने एक सप्ताह में ही शहरी और ग्रामीण क्षेत्र के निचले इलाके में जलजमाव हो गया है। इस जल जमाव के कारण कई मोहल्लें के सड़कों पर अभी भी एक फीट पानी जमा है। जिस कारण लोगों को आवागमन करने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। ठाकुरगंज, बहादुरगंज, टेढागाछ, कोचाधामन, दिघलबैंक, पोठिया और किशनगंज प्रखंड के निचले ग्रामीण इलाकों में पानी भर चुका है। नगर परिषद क्षेत्र में उत्तरपाली स्थित महावीर नगर मोहल्ल, तेघरिया, बालूबस्ती, ढेकसरा और धर्मगंज स्थित मढिया इलाके में जल जमान होने से लोग डरे हुए हैं।