बदलते मौसम में त्वचा का रखें विशेष ख्याल: अखिलेश
सुपौल। बदलते मौसम में सेहत के साथ-साथ त्वचा को भी विशेष देखभाल की जरूरत महसूस होती है। तेजी
सुपौल। बदलते मौसम में सेहत के साथ-साथ त्वचा को भी विशेष देखभाल की जरूरत महसूस होती है। तेजी से बदल रहे मौसम के साथ त्वचा से संबंधित रोग का प्रकोप भी काफी बढ़ जाता है। गर्मी के मौसम में एक्ने, रीजेशिया, रोहेबिया, एक्जिमा, पिग्मेंटेशन, कोलाल्मा, मैलाज्या, टै¨नग डार्क सर्कल, झुर्रियां, स्किन एलर्जी की समस्या कुछ ज्यादा ही बढ़ जाती है। आयली, नॉर्मल, ड्राई, कंबीनेशन आदि अलग-अलग त्वचा पर इस रोग का अलग-अलग प्रभाव देखने को मिलता है। बदलते मौसम में अपनी त्वचा का ख्याल कैसे रखें इसकी जानकारी देते हुए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र किशनपुर के डॉ. अखिलेश कुमार ने बताया कि गर्मी के मौसम में त्वचा ड्राई है तो वह सामान्य हो जाती है। तैलीय त्वचा और अधिक तैलीय हो जाती है। इस मौसम में स्किन टै¨नग की समस्या काफी ज्यादा बढ़ जाती है। ऐसा इसलिए होता है कि गर्मी में सिबम स्त्राव अधिक होने से त्वचा और बाल अधिक तैलीय हो जाते हैं। हेयर फॉल, ओपन पोर्स, ब्लैक हेड्स, टैनिगं की समस्या काफी ज्यादा बढ़ जाती है। डॉ. बताते हैं कि टैंनिग एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें त्वचा का रंग गहरा हो जाता है, इसे टैंनिग कहा जाता है। यह समस्या अल्ट्रावायलट किरणों की वजह से होती है। गोरी त्वचा वाले लोगों में यह समस्या काफी ज्यादा पाई जाती है। टैंनिग होने पर इसका उपचार तुरंत शुरू कर देना चाहिए। साथ ही धूप के संपर्क में आने से परहेज करना चाहिए। सन क्रीम के उपयोग के साथ दही, खीरा, अखरोड का पाउडर, चावल का आटा, मूली का रस, नारियल पानी व पपीता का सेवन करना चाहिए। डॉ. अखिलेश कुमार बताते है कि आंखों के नीचे काला घेरा जिसे डार्क सर्कल कहते हैं से चेहरे की खूबसूरती ढक जाती है। इसका प्रमुख कारण देर रात तक मोबाइल, लैपटॉप-कंप्यूटर पर काम करने के साथ तनाव, खून की कमजोरी, कमजोरी, एलर्जी, पौष्टिक आहार न लेना है। इसके ज्यादातर कारण अनुवांशिक होते हैं। इसके बहुत से उपचार है। वे लोगों को पर्याप्त नींद, ¨चता या तनाव से दूर रहने, पौष्टिक आहार लेने, स्मो¨कग न करने, विटामिन की कमी न होने देने की सलाह देती है। साथ ही पानी का अधिक सेवन, योग को अपनी दिनचर्या में शामिल करने, खाना में अंकुरित अनाज, दही को प्राथमिकता देने, विटामिन सी, डी और ई का ज्यादा सेवन करने की सलाह देता है। हेयर फॉल की समस्या का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि घने रेश्मी बाल हर किसी की चाहत होती है। सुंदर बाल स्वस्थ होते हैं और स्वस्थ बाल ही सुंदर होते हैं। बालों का सौंदर्य सहज ही किसी को अपनी ओर आकर्षित कर लेता है। बाल तीन प्रकार के होते हैं नॉर्मल, ड्राई और आयली। बालों की खूबसूरती बनाए रखने में हेयर ट्रीटमेंट, हेयर स्पा, हेड मसाज, ओजोन ट्रीटमेंट अहम भूमिका निभाते हैं। बालों को हमेशा सही ढंग से कांब करना चाहिए। सही संतुलित भोजन प्रकृति के अनुसार सही शैंपू का चुनाव करे। डॉक्टर बताते है कि हेयर फॉल आजकल एक कॉमन समस्या बनती जा रही है। कम उम्र ही बाल सफेद होने लगते है। गलत जैल, स्प्रे, शैंपू के प्रयोग से यह समस्या बढ़ रही है। क्लोरिन युक्त खारे पानी से बालों को धोने, बालों में गंदगी से डैंड्रफ आदि की समस्या आ रही है। हारमोन की गड़बड़ी से तेजी से बाल गिरने शुरू हो जाते हैं। इसके लिए बालों का सही टेक्सचर समझ कर इसका उपचार करना चाहिए।