बड़ा हादसा: बिहार में शौचालय की टंकी साफ करने के दौरान दम घुटने से चार की मौत
बिहार के सुपौल जिले में शौचालय की टंकी साफ करने के दौरान दम घुटने से चार लोगों की मौत हो गई। मौत के बाद पूरे इलाके में सनसनी फैल गई है।
सुपौल [जेएनएन]। त्रिवेणीगंज थाना क्षेत्र के सिमरिया गांव में उमेश मंडल के घर की नवनिर्मित शौचालय की टंकी में बुधवार को दम घुटने से चार मजदूरों की मौत हो गई। वहीं, इस घटना के शिकार एक अन्य मजदूर की स्थिति गंभीर बनी हुई है।
बुधवार पूर्वाह्न नौ बजे सभी मजदूर शौचालय की टंकी की सेंटरिंग खोलने के लिए जमा हुए थे। पहले एक मजदूर रस्सी के सहारे टैंक के अंदर गया और काफी देर तक वापस नहीं आया। इसके बाद उसकी खोजबीन में दूसरा मजदूर नीचे गया। इसी तरह एक के बाद एक कर चार मजदूर टैंक के अंदर चले गए। इसके बाद पांचवें मजदूर ने भी अंदर जाने की कोशिश की, लेकिन दुर्गंध का एहसास होते ही वह जोर से चिल्लाया।
वहां मौजूद लोगों ने उसे बाहर खींच लिया। बाहर निकलते-निकलते मजदूर बेहोश हो चुका था। आनन-फानन घटना की सूचना त्रिवेणीगंज प्रशासन को दी गई। घटना की जानकारी मिलने के बाद एसडीएम विनय कुमार सिंह चिकित्सक दल व स्थानीय पुलिस बल को लेकर घटनास्थल के लिए रवाना हुए।
पुलिस के पहुंचने के बाद बाकी के चार मजदूरों को टंकी से निकाला गया। तीन मजदूरों को पिपरा पीएचसी व दो को त्रिवेणीगंज अनुमंडलीय अस्पताल में इलाज के लिए भेजा गया। अस्पताल ले जाने के दौरान ही चारों मजदूरों संतोष मंडल, उपेंद्र मंडल, उमेश मंडल व राजेश मंडल की मौत हो गई।
घटना में बेहोश शंभू मंडल की स्थिति चिंताजनक देखते हुए उसे इलाज के लिए बाहर रेफर किया गया है। पिपरा पीएचसी के चिकित्सा पदाधिकारी जेपी साह ने बताया कि काफी दिनों तक बंद टंकी में एक प्रकार की जहरीली गैस बन गई थी, जिस कारण मजदूरों की मौत हुई।
पूर्णिया में भी तीन मजदूरों की ऐसे ही हुई थी मौत
रामबाग चौक स्थित एक निर्माणाधीन मॉल में शौचालय के टैंक की सेंटङ्क्षरग खोलने के दौरान भी 12 जून को तीन मजदूरों की मौत हुई थी। यहां भी मॉल के पास बने टैंक की ढलाई की सेंटरिंग खोलने के दौरान तीनों मजदूरों की जान चली गई थी। पहले लोगों ने इसे करंट से मौत समझा था, लेकिन बाद में यह स्पष्ट हुआ कि शौचालय की नवनिर्मित टंकी में बनी जहरीली गैस से ही मौत हुई है।