अब धान पर बारिश की मार, उत्पादन प्रभावित होने की आशंका
सुपौल। कोरोना संक्रमण का दंश झेलते किसानों को इस कोरोना संक्रमण का दंश झेलते किसानों को इस बार बारिश भी कहीं का नहीं छोड़ रही है। कभी कम बारिश और कभी अतिवृष्टि से किसान परेशान रहे। रोपनी बाद धान की फसल को बारिश ने डुबो दिया।
सुपौल। कोरोना संक्रमण का दंश झेलते किसानों को इस बार बारिश भी कहीं का नहीं छोड़ रही है। कभी कम बारिश और कभी अतिवृष्टि से किसान परेशान रहे। रोपनी बाद धान की फसल को बारिश ने डुबो दिया। इसके बाद कई स्थानों पर कीड़े का प्रकोप हो गया। जब धान में बाली निकलने का समय आया तो बारिश में कमी हो गई। अब जब बालियां निकलने लगी है तो फिर बारिश की मार शुरू हो गई है। इधर लगातार हो रही बारिश ने किसानों की चिता बढ़ा दी है। बारिश के कारण धान के फूल झड़ने लगे हैं। किसानों का कहना है कि फूल झड़ जाने से पैदावार प्रभावित होगी।
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बड़े पैमाने पर होती है धान की खेती
जिले के किसान धान की खेती बड़े पैमाने पर करते हैं। किसानों के लिए यह खेती जीवनदायिनी मानी जाती है। धान की खेती में लागत कम और आमदनी अधिक है। इस फसल से किसानों की अधिकांश जरूरतें पूरी होती हैं। यही वजह है कि किसानों का रुझान इसकी खेती की ओर अधिक रहता है। किसानों का कहना है कि इस साल मौसम किसानों अनुकूल नहीं चल रहा है। कौशलीपट्टी के किसान अरुण यादव बताते हैं कि वे लोग धान की अगात किस्म की खेती करते हैं। 90 दिनों में फसल तैयार हो जाती है। धान में बालियां निकल रही है और इसके साथ ही चार दिनों से लगातार बारिश हो रही है। बारिश के साथ तेज हवा भी रहती है। इससे धान के फूल झड़ने लगे हैं। फूल झड़ने से पैदावार प्रभावित होगी। फूल झड़ेंगे तो धान खखरी हो जाएगी। मरौना के मनोज यादव बताते हैं कि इसबार शुरू से धान की फसल पर बारिश की मार है। रोपाई बाद फसल गलने के कारण तीन-तीन बार रोपाई करनी पड़ी। निर्मली के किसान अनिरुद्ध मंडल कहते हैं कि कुछ दिन पहले जब बारिश कम हो गई थी तो धान में कीड़े लगने लगे थे। अब धान की फसल बाली पर है तो बारिश लगातार हो रही है। इससे फसल प्रभावित होगी।