एक पुलिया बदल सकती है किसानों की किस्मत
सुपौल । पूर्वी गाइड बांध बनने से पूर्वी तटबंध सुरक्षा को लेकर बनाए गए स्पर संख्या 36.40 चिकनी गा
सुपौल । पूर्वी गाइड बांध बनने से पूर्वी तटबंध सुरक्षा को लेकर बनाए गए स्पर संख्या 36.40 चिकनी गांव के सैकड़ों किसानों के लिए अभिशाप बन चुका है। पूर्वी तटबंध तथा नेशनल हाईवे को जोड़ रहा स्पर 200 सौ से अधिक एकड़ खेतों में जलजमाव का कारण बना है। स्पर में एक पुलिया नहीं है जिसके कारण बरसात का मौसम आते ही खेतों में लबालब पानी भर जाता है और खेत वर्षभर बेकार पड़ा रहता है। जिन किसानों के खेतों में पानी जमा हो जाता है उनकी आमदनी बिल्कुल ही कम हो गई है और मजबूरी में ऐसे लोगों को दूसरें राज्यों में जाकर मेहनत-मजदूरी करनी पड़ती है। आजीविका के लिए पर्याप्त जमीन होने के बावजूद किसान जब अपने खेतों में फसल नहीं उगा पाते हैं।
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पूर्वी तटबंध और नेशनल हाईवे के बीच आ गई जमीन
पूर्वी तटबंध और नेशनल हाईवे बनने से पूर्व किसान इन खेतों में खेती करते थे जिससे उसके परिवार की गाड़ी चलती थी। जैसे ही पूर्वी गाइड बांध बना और लगे हाथ नेशनल हाईवे का निर्माण हुआ कि उन सबका खेत दोनों के बीच में आ गया। एक तरह से खेत सुरक्षित हुआ लेकिन स्पर ने सभी जमीन मालिकों के मंसूबों पर पानी फेर दिया। लंबा समय बीत जाने के बाद किसानों के खेत का पानी निकलने का कोई रास्ता नहीं निकल सका। आखिरकार थक-हारकर किसानों ने इन खेतों में फसल लगाना ही छोड़ दिया।
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जल संसाधन विभाग से बनना है पुलिया
चिकनी गांव समेत नेशनल हाईवे तथा पूर्वी गाइड बांध के बीच के स्पर संख्या 36.40 में पुलिया का निर्माण जल संसाधन विभाग से किया जाना है। क्योंकि यह स्पर उसी विभाग के अधीन आता है। जानकारी अनुसार प्रखंड अधीन अन्य योजनाओं या फिर ग्राम पंचायत स्तर पर संचालित योजनाओं से इस स्पर में पुलिया का निर्माण संभव नहीं है। प्रखंड और फिर पंचायत स्तर से वहां पुलिया निर्माण कराने के लिए जल संसाधन विभाग का एनओसी आवश्यक है जो नहीं मिल पा रहा है।
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क्या कहते हैं किसान
चिकनी गांव के मुक्ति यादव, राम कुमार यादव, लक्ष्मण कुमार, विद्यानंद यादव, महेंद्र शाह, भरत यादव, दशरथ यादव, राजीव यादव, रामाशीष यादव, शुभ नारायण यादव सहित अन्य कहते हैं कि आसनपुर में पुलिया निर्माण को लेकर उन्होंने कई बार प्रयास किया लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला। किसानों का कहना है कि एक पुलिया सैकड़ों लोगों के भरण पोषण के साधन को निरर्थक बना रखा है और अधिकारी इस गंभीर समस्या के प्रति उदासीन हैं। किसानों का कहना है कि चाहे जिस भी विभाग से हो इस स्पर में पुलिया का निर्माण हो जाए तो उनलोगों की समस्या का समाधान हो सकता है। किसानों का कहना है कि वह सभी जमीन का लगान दिया करते हैं बावजूद इसके खेत से जल निकासी की दिशा में किसी भी स्तर पर पहल नहीं हो रही है। किसान बताते हैं कि बरसात आने के बाद उनके खेत तालाब में तब्दील हो जाते हैं।