142 परिवारों का घर कोसी नदी में हुआ विलीन
संवाद सहयोगी, निर्मली(सुपौल): कोसी के जलस्तर में वृद्धि होने के साथ ही मरौना प्रखंड में बाढ़ क
संवाद सहयोगी, निर्मली(सुपौल): कोसी के जलस्तर में वृद्धि होने के साथ ही मरौना प्रखंड में बाढ़ का कहर बरपने लगा है। 142 परिवारों का घर कोसी की तेज धारा में विलीन हो गया है। प्रभावित लोग सुरक्षित ठिकाने की ओर कूच कर गए हैं। बाढ़ प्रभावितों के बीच परेशानी के मद्देनजर प्रशासनिक अधिकारी सजग है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने एवं राहत सामग्री बाढ़ पीड़ित परिवारों के बीच वितरण करने में सरकारी कर्मियों को तत्काल आदेश जारी कर दिया गया है। पीड़ित प्रति परिवार के बीच एक पॉलिथीन, ढाई किलो चूरा, 250 ग्राम चीनी, एक बड़ा कैंडल व एक पैकेट माचिस का वितरण किया गया। इतना ही नहीं बाढ़ में फंसे लोगों को ऊंचे स्थानों पर पहुंचाने के लिए 16 सरकारी नाव बहाल किये गए हैं। सरकारी नाव छोटा होने की स्थिति में चार बड़े निजी नाव को भी राहत कार्य में लगाया गया है। अंचलाधिकारी मरौना ने बताया कि बाढ़ पीड़ित प्रति परिवार के बीच आरटीजीएस के माध्यम से 6 हजार रुपये की सहायता राशि दिए जाने की व्यवस्था की जा रही है। कार्य प्रगति से संबंधित प्रतिवेदन प्रभारी पदाधिकारी आपदा प्रबंधन प्रशाखा सुपौल को कार्यालय पत्रांक 847-2 दिनांक 9 अगस्त 2018 को भेजा गया है। अनुमंडल पदाधिकारी नीरज नारायण पांडे ने बाढ़ पीड़ितों के बीच नदी में संचालित नाव के बाबत कड़े निर्देश देते हुए कहा है कि प्रत्येक सरकारी नाव पर लाल झंडा लगाना अनिवार्य है। नाव पर चढ़ने वाले लोगों से राशि वसूल करना कानूनन जुर्म है। राशि लिए जाने की शिकायत मिलने पर जांच की जाएगी जांच की पुष्टि होने उपरांत दोषियों के ऊपर प्राथमिकी दर्ज की जाएगी। बाढ़ आपदा के समय पीड़ित लोगों को मदद करना नैतिक धर्म बनता है। इसके बावजूद कुछ स्वार्थी लोग स्वार्थ सिद्धि में लगे हैं। ऐसे लोगों को चिन्हित करने का आदेश भी अधिकारी को दिया गया है। बाढ़ पीड़ित परिवारों को राहत सामग्री पहुंचाने एवं जान माल की रक्षा करने के लिए अधिकारियों को सचेत कर दिया गया है।