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Surya Grahan June 2020: खास रहा इस साल का पहला सूर्यग्रहण, जानिए इसकी प्रमुख बातें

Surya Grahan June 2020 21 जून को साल का पहला सूर्यग्रहण था। इस दौरान कई जगह रिंग ऑफ फायर के कारण दिन में अंधेरा छा गया। सूर्यग्रहण की खास बातें जानिए इस खबर में।

By Amit AlokEdited By: Published: Thu, 18 Jun 2020 12:31 PM (IST)Updated: Sun, 21 Jun 2020 04:34 PM (IST)
Surya Grahan June 2020: खास रहा इस साल का पहला सूर्यग्रहण, जानिए इसकी प्रमुख बातें

पटना, जेएनएन। Surya Grahan June 2020: इस साल 2020 का पहला सूर्यग्रहण (Solar Eclipse) रविवार को लगा। यह कई मायनों में खास रहा। बिहार में ग्रहण जगह-जगह रविवार की सुबह करीब 10.33 बजे से शुरू होकर अपराह्न 02.14 बजे तक रहा। सूर्य ग्रहण का मध्‍य काल दोपहर 12.18 बजे था। इसके पहले शनिवार 20 जून की रात सूर्यग्रहण के 12 घंटे पहले सूतक काल शुरू होकर ग्रहण आरंभ होने तक चला। यह पूर्ण सूर्य ग्रहण था, जिसमें कुछ समय के लिए सूर्य का किनारे का गोलाकर भाग ही दिखाई दिया, जिसे 'रिंग ऑफ फायर' (Ring of Fire) कहा जाता है। इस कारण सूर्य ग्रहण के दौरान दिन में कुछ समय के लिए देश में कई जगह अंधेरा छा गया। ज्योतिषियों के मुताबिक इस ग्रहण का विभिन्न राशियों पर अलग-अलग प्रभाव पड़ेगा।

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क्‍या है सूर्यग्रहण, जानिए

सूर्यग्रहण एक समान्‍य खगोलीय घटना है। चंद्रमा (Moon) के पृथ्‍वी (Earth) और सूर्य (Sun) के बीच आने के कारण सूर्यग्रहण होता है। इस दौरान पृथ्‍वी पर चंद्रमा की छाया (Shadow) पड़ती है। जिस जगह यह छाया पड़ती है, वहां आंशिक रूप से अंधेरा हो जाता है।

कैसे बनता है रिंग ऑफ फॉयर

21 जून को लग रहा सूर्यग्रहण देखने में रिंग ऑफ फॉयर की तरह रहा। सूर्य का 88 फीसद भाग तीन घंटे 22 मिनट तक चंद्रमा की ओट में रहा, जिससे सूर्य का किनारे का रिंग की तरह का गोलाकर भाग दिखाई दिया। इसे ही 'रिंग ऑफ फायर' कहा जाता है। रिंग ऑफ फायर का कुछ सेकेंड से लेकर 12 मिनट तक दिखा।

ग्रहण के 12 घंटे पहले लगा सूतक

ज्योतिषिय दृष्टि से देखें तो इस सूर्य ग्रहण के 12 घंटे पहले सूतक काल लगा, जाे ग्रहण के आरंभ होने तक रहा। सूतक काल 20 जून की रात से आरंभ हो गया था।

सूर्य ग्रहण पर ऐसे हो रही उल्टी चाल

पटना के ज्योतिषाचार्य गाेविंद कुमार ओझा का कहना है कि 21 जून को मिथुन राशि में लगने वाला सूर्य ग्रहण शुभ नहीं है, क्योंकि इस दौरान कई ग्रहों की चाल विपरीत रही। इस दौरान संबंधित ग्रहों के मंत्रों का जाप करने वालों को राहत मिल सकती है।

नंगी आंखों से नहीं देखा सूर्यग्रहण

सूर्य ग्रहण के दौरान सूर्य को नंगी आंखों से सीधे देखना घातक होता है। इस दौरान सूर्य से खतरनाक किरणें निकलती हैं, जो सीधे देखने पर आंखों को नुकसान पहुंचा सकती हैं। इससे हम अंधे तक हो सकते हैं। सूर्यग्रहण देखने के लिए खास तरह के चश्मों का इस्तेमाल किया जा सकता है। मोतिहारी के डॉ. अतुल कुमार व गोपालगंज के डॉ. संदीप कुमार कहते हैं कि ग्रहण के दौरान सूर्य की अवरक्त और पराबैंगनी किरणें (Altra violate Rays) आंखों को भारी क्षति पहुंचा सकती हैं। लोग इस वैज्ञानिक अवधारणा से अवगत दिखे। उन्‍होंने ग्रहण को नंगी आंखों ने नहीं देखा।

आस्‍था व विश्‍वास से भी जुड़ीं कई बातें

मुजफ्फरपुर के बाबा गरीबनाथ मंदिर के प्रधान पुजारी पंडित विनय पाठक बताते हैं कि सूर्यग्रहण के दौरान कई काम वर्जित होते हैं। इस दौरान बाहर नहीं निकलना चाहिए। मंदिर भी बंद रखे जाते हैं। पटना के ज्‍याेतिषाचार्य गाेविंद कुमार ओझा ने बताया कि ग्रहण के दौरान खाने से परहेज किया जाता है। इस दौरान पानी भी नहीं पीना चाहिए। गर्भवती महिलाओं को कोई काम नहीं करना चाहिए। शास्‍त्रों के अनुसार ग्रहण के बाद स्नान कर भगवान विष्णु की पूजा करें और उसके बाद ही कोई अन्य कार्य करने का विधान है। ग्रहण के बाद स्नान व दान करके ही भोजन ग्रहण करें तथा खाना बनने के बाद उसमें कुश या तुलसी पत्र डालें। हालांकि, शास्‍त्रों में उल्‍लेखित ये बातें आस्‍था व विश्‍वास से जुड़ी परंपराएं हैं।


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