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मां के आठवें स्वरूप महागौरी की हुई पूजा, देवी मंत्रों से गुंजायमान हुआ क्षेत्र

मां के आठवें स्वरूप महागौरी की हुई पूजा देवी मंत्रों से गुंजायमान हुआ क्षेत्र फोटो 6 सिव 1

By JagranEdited By: Published: Sun, 06 Oct 2019 06:21 PM (IST)Updated: Wed, 09 Oct 2019 06:34 AM (IST)
मां के आठवें स्वरूप महागौरी की हुई पूजा, देवी मंत्रों से गुंजायमान हुआ क्षेत्र
मां के आठवें स्वरूप महागौरी की हुई पूजा, देवी मंत्रों से गुंजायमान हुआ क्षेत्र

सिवान। नगर सहित ग्रामीण क्षेत्र में नवरात्रि की अष्टमी तिथि पर मां दुर्गा के आठवें स्वरूप महागौरी की विधि विधान से नगर के मंदिरों में की गई। देवी मंदिरों में सुबह से देर रात तक भक्तों की भीड़ दर्शन के लिए लगी रही। श्रद्धालुओं ने मंदिरों में पहुंच कर प्रसाद चढ़ाया तथा हलुआ पूड़ी का भोग लगाया। इस दौरान नगर के महादेवा रोड स्थित दुर्गा मंदिर, कचहरी रोड स्थित काली मंदिर, गांधी मैदान स्थित बुढि़या माई मंदिर, सुदर्शन चौक स्थित दुर्गा मंदिर, शेखर सिनेमा स्थित संतोषी माता मंदिर, डीएवी मोड़ स्थित दुर्गा मंदिर समेत ग्रामीण क्षेत्रों के विभिन्न मंदिरों में नवरात्र के अवसर पर श्रद्धालुओं की भीड़ हो रही है। देवी मंदिरों में पूजा अर्चना करने वालों की भारी भीड़ देखी गई। मंदिरों पर भी भोर से ही भक्तों रेला लगा रहा। मां के भक्तों ने अपने-अपने घरों में मां महागौरी का पूजन-अर्चन कर परिवार के मंगलमय की कामना की। देवी मंदिरों में माता के जयकारे के बीच पूजा अर्चना चलती रही। इधर विभिन्न देवी मंदिर व पूजा पंडालों में मां के दर्शन को देर रात तक लोगों की भीड़ उमड़ी रही।

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नवमी आज, हवन को मंदिरों व पंडालों में उमड़ेगी भक्तों की भीड़

दशहरा या विजयादशमी हिदू धर्म का सबसे बड़ा त्योहार है। इस दौरान मां दुर्गा के नौ स्वरूप की पूजा की जाती है। आठवें दिन मां महागौरी और नौवें दिन सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है। ऐसी मान्यता है अष्टमी और नवमी को मां की पूजा और हवन आदि का विशेष महत्व होता है। ऐसा करने से सालभर घर में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहती है। इसलिए मां दुर्गा की नवरात्रि में पूजा काफी फलदायी माना जाता है। विशेषकर अष्टमी और नवमी की पूजा का कल्याणकारी महत्व है। इसके बाद उपासक पारण कर अन्न जल ग्रहण कर सकते हैं। नगर समेत ग्रामीण क्षेत्रों में कई जगह रविवार को श्रद्धालुओं ने हवन कर कुंवारी पूजन का कार्यक्रम संपन्न भी कर दिया था।

मेले में सजी दुकानें :

महंगे खिलौनों से बाजार सज गया है। इस बार इलेक्ट्रॉनिक बाइक, जीप बच्चों को लुभा रहे हैं। भीड़ बढ़ने से शहर की सड़कें मेला में तब्दील हो गईं हैं। सड़क किनारे ठेला पर फल, खिलौने, मिठाइयां से लेकर गुब्बारे की दुकानें सज गईं हैं। इन दुकानों पर खरीदारी के लिए लोगों की भीड़ भी देखने को मिल रहा है। भीड़ के कारण सड़कें जाम में फंसी रही। जाम से निकलने के लिए लोग पसीना बहाते रहे। लेकिन इसके बाद भी नवरात्र को लेकर लोगों में उल्लास दिया। शहर में चहल पहल बढ़ने से दुकानदारों के चेहरे खिले रहे।

घरेलू सामान का सज गया बाजार :

मेला को ले घरेलू सामानों का बाजार सज गया है। किचन के समान से लेकर रोजमर्रा तक के सामानों की खरीद बिक्री की जा रही है। प्रतिमा व पंडाल देखने आ रही महिलाओं का पूरा ध्यान बाजारों पर ही रहता है। आज नवमी को हवन के साथ होगा कुंवारी पूजन :

जासं, सिवान : नवरात्रि में नौ दिनों तक जिस तरह से माता दुर्गा की आवभगत और पूजा-अर्चना की जाती है, उसी तरह से नवरात्रि में सप्तमी तिथि से कन्या पूजन का दौर शुरू हो जाता है। अष्टमी और नवमी तिथि पर कन्याओं को नौ देवी का रूप मानकर उनका स्वागत सत्कार किया जाता है। ईश्वर की आराधना कुंवारी के पवित्र रूप में करने से व्यक्ति के अन्दर आध्यात्म के प्रति अच्छी विचारधारा का विकास होता है। मनुष्य के अन्दर के मनोविकार एवं दुष्ट भावों का नाश होता है और समाज की नारियों के प्रति उसके भाव: में पवित्रता आती है। इसी को ध्यान में रखकर नवमी को कुंवारी पूजन किया जाता है। नवमी को हवन के पश्चात उपासक द्वारा कुंवारी पूजन किया जाएगा।

- ऊं द्वीं दूं दुर्गाय नम: मंत्र की एक, तीन, पांच, या ग्यारह माला जपने और हवन करने से मां प्रसन्न होती हैं।  

ऐसे करें कुंवारी पूजन :

नवमी के दिन हवन करने के पश्चात कुंवारियों को नए वस्त्र पहना कर विधिवत पूजा अर्चना कर उत्तम पकवानों का भोग लगा कर, दक्षिणा दान कर, आरती करें और अंत में उन कुंवारियों के झूठन को प्रसाद के रूप में स्वयं ग्रहण करें। साथ ही कन्याओं पर जल छिड़कर रोली-अक्षत से पूजन कर भोजन कराना तथा भोजन उपरांत पैर छूकर यथाशक्ति दान देना चाहिए। शास्त्रों में लिखा गया है की ऐसा करने से महाव्याधि (कुष्ठ ) जैसे रोगों का नाश होता है।


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