गेहूं खरीद के लक्ष्य में पिछड़ा विभाग, मात्र 133 एमटी ही हो पाई खरीदारी
सरकार ने समर्थन मूल्य पर किसानों का गेहूं खरीदने के लिए क्रय केंद्र खोले थे। गेहूं खरीद योजना के तहत जिले के किसानों का गेहूं खरीदा गया है। अब तो क्रय केंद्र बंद कर दिए हैं मगर सरकार के लक्ष्य के अनुसार प्रशासन खरीद को पूरा नहीं करा पाया है। पिछले वर्षों की तरह इस बार भी गेहूं खरीद अधूरी रह गई है।
जासं, सिवान: सरकार ने समर्थन मूल्य पर किसानों का गेहूं खरीदने के लिए क्रय केंद्र खोले थे। गेहूं खरीद योजना के तहत जिले के किसानों का गेहूं खरीदा गया है। अब तो क्रय केंद्र बंद कर दिए हैं मगर सरकार के लक्ष्य के अनुसार प्रशासन खरीद को पूरा नहीं करा पाया है। पिछले वर्षों की तरह इस बार भी गेहूं खरीद अधूरी रह गई है।
सहकारिता विभाग ने शासन के निर्देशों का पालन करते हुए समय पूरा होने पर केंद्र बंद करा दिए हैं। तिथि से पहले भले ही क्रय केंद्रों को खोला गया था, लेकिन कहीं से किसी क्रय केंद्रों पर गेहूं नहीं आ रहा था। गेहूं की खरीदारी जिन पैक्सों ने किया है। इसमें लखनौरा, बिलासपुर, कोरोम, दोन बुजुर्ग, हरनाटार आदि पैक्स का नाम शामिल है। गेहूं खरीदारी नहीं होने का कारण यह बताया कि सरकारी दर की तुलना में बाजार का दर अधिक था। इसलिए पैक्सों में गेहूं बिक्री करने में किसानों ने दिलचस्पी नहीं ली। बतादें कि 15 अप्रैल से चयनित क्रय केंद्रों पर गेहूं खरीद शुरू की गई थी, खरीद का समय 15 जून को पूरा हो गया था, लेकिन प्रशासन खरीद पूरी नहीं कर पाया था इसलिए 30 जून तक समय बढ़ा दिया था। इसके बावजूद खरीदारी में प्रगति नहीं आई तो तिथि समाप्त होने पर क्रय केंद्रों को बंद कर दिया गया है।
धान की तुलना में गेहूं की काफी कम हुई खरीदारी
जिले भर के खरीफ सीजन में चयनित करीब दो सौ पैक्सों द्वारा 32 हजार 545 एमटी धान की खरीदारी की गई थी। इसके तुलना में गेहूं की खरीदारी काफी कम है। पिछले वर्ष की तरह इस बार भी खरीद पिछड़ गई है।
क्या कहते हैं अधिकारी
जिले में इसबार पैक्सों ने धान की तरह गेहूं अधिप्राप्ति में दिलचस्पी नहीं ली। इसमें सरकारी दर की तुलना बाजार में गेहूं का दर अधिक मुख्य कारण देखा गया।
संतोष कुमार झा, डीसीओ, सिवान