श्रीराम के समय से चली आ रही पंचायती की परंपरा : जिला एवं सत्र न्यायाधीश
गे सभी पक्षकारों पदाधिकारियों एवं न्यायिक पदाधिकारियों सहित सिविल कोर्ट के सभी कर्मचारियों को साधुवाद दिया। सचिव एके श्रीवास्तव ने लोक अदालत को बेहतर बनाने में लगे लोक अदालत के पेशकार अतुल कुमार रंजीत दुबे जयप्रकाश प्रसाद प्रभात कुमार आदि के विशेष सहयोग के लिए उन्हें धन्यवाद दिया। इस मौके पर विधिक सेवा प्राधिकार कोर कमेटी के सदस्य गण पैनल अधिवक्ता तथा सामाजिक कार्यकर्ता भी उपस्थित रहे। पक्षकारों की सेवा में लायंस क्लब तथा रेडियो स्नेही ने भी अपनी सेवाएं प्रदान की।लोक अदालत के पेशकार रंजीत दुबे अतुल कुमार भी पक्षकारों को यथा स्थान पर पहुंचाने में लगे रहे। जिला एवं सत्र न्यायाधीश मनोज शंकर अस्वस्थता के बावजूद भी प्रत्येक कोर्ट रूम में जाकर पक्षकारों के उनकी परेशानियों को हल करने का सरल उपाय बताया। खासकर बैंक से जुड़े मामलों में निष्पादन का जायजा लिया और अधिक से अधिक निष्पादन हो इसके लिए सुझाव दिए। बैंक से जुड़े मामले में लगभग सवा तीन करोड़ समझौता राशि तय हुई जिसमें लगभग
सिवान। राष्ट्रीय एवं राज्य विधिक सेवा प्राधिकार द्वारा दिए गए दिशा निर्देश के आलोक में शनिवार को सिविल कोर्ट परिसर में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया। विधिक सेवा प्राधिकार के अध्यक्ष जिला एवं सत्र न्यायाधीश मनोज शंकर ने दीप प्रज्वलित कर विधिवत कार्यक्रम का उद्घाटन किया। लोक अदालत को संबोधित करते हुए प्रधान न्यायाधीश मनोज कुमार ने कहा कि यह व्यवस्था भगवान श्रीराम के समय से चली आ रही है। भगवान श्रीराम ने बाली और सुग्रीव के समय विवाद के निपटारे के लिए पंचायत बुलाई थी, हम सुलह समझौता के आधार पर निष्पादन में विश्वास करते हैं। इस व्यवस्था से प्रत्येक पक्ष अपने को मजबूत और विजय श्री प्राप्त किया हुआ महसूस करता है। संघ के सचिव एके श्रीवास्तव ने पक्षकारों से जहां अधिक से अधिक मामलों के निष्पादन में सहयोग करने का निवेदन किया, वहीं न्यायिक पदाधिकारियों के साथ बैंक आदि के पदाधिकारियों से भी अपने रुख में लचीला रवैया अपनाने का निवेदन किया ताकि पक्षकार अधिक से अधिक मामलों का निष्पादन करा सकें। संघ अध्यक्ष पांडेय रामेश्वरी प्रसाद उर्फ छोटे बाबू एवं संघ सचिव प्रेम कुमार सिन्हा ने भी उपस्थित लोगों को संबोधित किया। संचालन पैनल अधिवक्ता मनोज कुमार सिंह ने किया। कुल 11 न्यायिक बैंचो में क्रमश: न्यायिक पदाधिकारीगण एडीजे पन्नालाल,एडीजे जीवनलाल, अवर न्यायधीश चंद्रवीर सिंह, अमित कुमार पांडेय, पंकज चौहान के अलावा प्रथम मुंशी पुष्पेंद्र कुमार पांडेय, द्वितीय मुंसिफ वसीम अकरम तथा न्यायिक दंडाधिकारीगण क्रमश: आरएस पांडेय, सुशील प्रसाद सिंह, प्रसेनजित सिंह, श्वेता सिंह, पूजा आर्य, नितेश कुमार एसडीजेएम, मनीष मिश्रा, अरविद कुमार, आनंद कुमार त्रिपाठी की उपस्थिति में मामलों का निष्पादन किया गया। इस अवसर पर पैनल अधिवक्ता इरशाद अहमद, कुमार रजनीश, उषा कुमारी, सुनीता कुमारी, संगीता सिंह, प्रमोद रंजन, बृजेश कुमार दुबे, विजय कुमार पांडेय, मनोज कुमार सिंह एवं अनिल कुमार सिंह ने न्यायिक पदाधिकारियों को सहयोग प्रदान किया। लोक अदालत के सफल समापन पर जिला एवं सत्र न्यायाधीश मनोज कुमार सिंह ने इस पुनीत कार्य में लगे सभी पक्षकारों पदाधिकारियों एवं न्यायिक पदाधिकारियों सहित सिविल कोर्ट के सभी कर्मचारियों को साधुवाद दिया। सचिव एके श्रीवास्तव ने लोक अदालत को बेहतर बनाने में लगे लोक अदालत के पेशकार अतुल कुमार, रंजीत दुबे, जयप्रकाश प्रसाद, प्रभात कुमार आदि के विशेष सहयोग के लिए उन्हें धन्यवाद दिया। इस मौके पर विधिक सेवा प्राधिकार कोर कमेटी के सदस्य गण पैनल अधिवक्ता तथा सामाजिक कार्यकर्ता भी उपस्थित रहे। पक्षकारों की सेवा में लायंस क्लब तथा रेडियो स्नेही ने भी अपनी सेवाएं प्रदान की।लोक अदालत के पेशकार रंजीत दुबे, अतुल कुमार भी पक्षकारों को यथा स्थान पर पहुंचाने में लगे रहे। जिला एवं सत्र न्यायाधीश मनोज शंकर अस्वस्थता के बावजूद भी प्रत्येक कोर्ट रूम में जाकर पक्षकारों के उनकी परेशानियों को हल करने का सरल उपाय बताया। खासकर बैंक से जुड़े मामलों में निष्पादन का जायजा लिया और अधिक से अधिक निष्पादन हो इसके लिए सुझाव दिए। बैंक से जुड़े मामले में लगभग सवा तीन करोड़ समझौता राशि तय हुई जिसमें लगभग 89 लाख मौके पर वसूल किए गए।
लोक अदालत में हेल्प डेस्क ने की वादकारियों की मदद
जासं, सिवान: राष्ट्रीय लोक अदालत के दौरान शनिवार को व्यवहार न्यायलय परिसर में सामाजिक संगठन स्नेही लोकोत्थान संस्थान द्वारा
संचालित सामुदायिक रेडियो की ओर से हेल्प डेस्क लगा कर वादकारियों की मदद की गई। साथ ही उनके अधूरे कागजात को पूरा कराया गया। यह लोक अदालत पूरे देश भर के न्यायालयों में लंबित मामलों का निपटारा करने के लिए आयोजित किया गया था। मौके पर स्नेही के निदेशक मधुसूदन पंडित ने कहा की लोक अदालत से ही देश में लंबित मामलों को निपटाने के लोक अदालत की बहुत ही अहम भूमिका है। क्योंकि न्यायालय कम हैं और केस की संख्या अधिक है। उन्होंने ने लोगों से अपील किया की ज्यादा से ज्यादा लोग लोक अदालत के माध्यम से लंबित मामलों का समझौता कराकर लाभ उठाएं। डेस्क पर डॉ. मधुसूदन प्रसाद, राणा प्रताप सिंह, डॉ. विकास कुमार, गोविद कुमार, डॉ. अली असगर, संजय कुमार, पेशकार सिंह, मुनि सहित कई सदस्यों वे वादकारियों को मदद पहुंचाने का काम किया।