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सिवान में 293 की जगह 283 पंचायतों में होगा त्रिस्तरीय चुनाव

कोरोना के कारण प्रभावित त्रिस्तरीय पंचायती राज चुनाव को भले ही टाल दिया गया लेकिन इसकी तैयारी जारी है। अक्टूबर व नवंबर में चुनाव होने की संभावना जताई जा रही है। वहीं जिले में छह नवगठित नगर पंचायत बनने के बाद दस पंचायतों का अस्तित्व समाप्त हो गया है। दस पंचायतों के अस्तित्व समाप्त होने के बाद अब जिले में कुल 283 पंचायत रह गए हैं। नवगठित छह नगर पंचायत बनने से दस पंचायतों का अस्तित्व समाप्त होने से इन जगहों पर अब चुनाव नहीं होगा।

By JagranEdited By: Published: Thu, 24 Jun 2021 09:02 PM (IST)Updated: Thu, 24 Jun 2021 09:02 PM (IST)
सिवान में 293 की जगह 283 पंचायतों में होगा त्रिस्तरीय चुनाव
सिवान में 293 की जगह 283 पंचायतों में होगा त्रिस्तरीय चुनाव

सिवान । कोरोना के कारण प्रभावित त्रिस्तरीय पंचायती राज चुनाव को भले ही टाल दिया गया, लेकिन इसकी तैयारी जारी है। अक्टूबर व नवंबर में चुनाव होने की संभावना जताई जा रही है। वहीं जिले में छह नवगठित नगर पंचायत बनने के बाद दस पंचायतों का अस्तित्व समाप्त हो गया है। दस पंचायतों के अस्तित्व समाप्त होने के बाद अब जिले में कुल 283 पंचायत रह गए हैं। नवगठित छह नगर पंचायत बनने से दस पंचायतों का अस्तित्व समाप्त होने से इन जगहों पर अब चुनाव नहीं होगा।

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गौरतलब हो कि वैसे पंचायत जिनका आंशिक भाग नगर निकाय में शामिल किया गया है। उन पंचायतों का अस्तित्व 1991 की जनगणना के अनुसार तीन हजार की जनसंख्या होने के आधार पर तय की गई है। इन पंचायतों का पूर्णकालिक रूप से खत्म हो गया है अस्तित्व : जिला पंचायती राज विभाग कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार बड़हरिया प्रखंड के बड़हरिया पंचायत, हसनपुरा प्रखंड का हसनपुरा व अरंडा पंचायत, आंदर प्रखंड के आंदर पंचायत, हुसैनगंज प्रखंड का गोपालपुर पंचायत, गुठनी प्रखंड का पूर्वी गुठनी व पश्चिमी गुठनी पंचायत तथा बसंतपुर प्रखंड के बसंतपुर पंचायत को समाप्त करते हुए नवगठित नगर पंचायत में शामिल कर लिया गया है। जबकि सदर प्रखंड के जियांय व टड़वा पंचायत को एक दूसरे में शामिल करते हुए रामापाली पंचायत तथा पचरुखी प्रखंड बिदुसार बुजुर्ग व महुआरी पंचायत को भी एक दूसरे में शामिल कर महुआरी पंचायत बनाते हुए इन दोनों पंचायतों को भी पूर्णकालिक रूप से नगर पंचायत में शामिल किया गया है। इन पंचायतों के भी गांव नगर पंचायत में हुए हैं शामिल : नवगठित छह नगर पंचायतों में हसनपुरा प्रखंड के उसरी बुजुर्ग पंचायत का उसरी बुजुर्ग गांव, आंदर प्रखंड का जमालपुर गांव, बड़हरिया प्रखंड के पडरौना खुर्द पंचायत का मीर सुरहिया व बड़सरा, नवलपुर पंचायत का सुरहिया, सदर प्रखंड के जियांय पंचायत का महोद्दीनपुर, टड़वा पंचायत का टड़वा व रामापाली पंचायत का भादा कला व भादा खुर्द, हुसैनगंज प्रखंड के छपिया बुजुर्ग पंचायत का रसीद चक व सुरापुर, पकवलिया पंचायत का रेनुआ, पकवलिया व पैगंबरपुर, चांप पंचायत का चांप, पचरुखी प्रखंड के महुआरी पंचायत का पकड़ी बंगाली, दरोगा हाता, विजयहाता व अतरसुआ, हरदिया पंचायत का माहपुर तथा बिदुसार बुजुर्ग पंचायत का हकाम व बिदुसार बुजुर्ग गांव को नगर पंचायत में शामिल किया गया है। क्या कहते हैं जिम्मेदार : जिले में 293 में से दस पंचायतों के नगर निकाय में शामिल हो जाने के कारण अब 283 पंचायत ही शेष रह गए हैं। इसकी रिपोर्ट भी नगर विकास एवं आवास विभाग व पंचायती राज विभाग को भेज दी गई है। नगर निकाय में शामिल हुए इन पंचायतों व गांवों में अब विकास कार्य पंचायती राज विभाग के अधीन नहीं होगा। वहीं 283 पंचायतों के लिए ही त्रिस्तरीय चुनाव होगा।

राजकुमार गुप्ता, जिला पंचायती राज पदाधिकारी, सिवान।


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