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सिवान में 52 अखाड़ा व धोई की इमरती के नाम से मशहूर है शिवपुर बाजार

सिवान। बदलते परिवेश में बाजार का स्वरूप विस्तृत होता जा रहा है। आवश्यकता के अनुसार बाजार में बड़े-बड़े कांप्लेक्स रेस्टोरेंट माल आदि बनते जा रहे हैं। लोगों को एक ही जगह जरूरत के सारे सामान उपलब्ध हो जा रहे हैं। इन सभी मुख्य बाजारों से हटकर शिवपुर बाजार की अपनी अलग पहचान है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 14 Jul 2021 05:49 PM (IST)Updated: Wed, 14 Jul 2021 05:54 PM (IST)
सिवान में 52 अखाड़ा व धोई की इमरती के नाम से मशहूर है शिवपुर बाजार
सिवान में 52 अखाड़ा व धोई की इमरती के नाम से मशहूर है शिवपुर बाजार

सिवान। बदलते परिवेश में बाजार का स्वरूप विस्तृत होता जा रहा है। आवश्यकता के अनुसार बाजार में बड़े-बड़े कांप्लेक्स, रेस्टोरेंट, माल आदि बनते जा रहे हैं। लोगों को एक ही जगह जरूरत के सारे सामान उपलब्ध हो जा रहे हैं। इन सभी मुख्य बाजारों से हटकर शिवपुर बाजार की अपनी अलग पहचान है। 1940 से 45 के दशक में इस बाजार में पहले चीनी के 52 लघु उद्योग थे। यहां गुड़ से चीनी का पावडर बनाकर आगरा भेजा जाता था जहां से किसानों को काफी आमदनी होती है जिससे उनके परिवार का भरण-पोषण चलता था। इस उद्योग को अखाड़ा के नाम से जाना जाता था, लेकिन बाद में बाजार का जैसे जैसे सु²किरण हुआ यह रोजगार विलुप्त होता गया। इसके अलावा यह बाजार धोई की इमरती के लिए प्रसिद्ध है। यहां गुलाब प्रसाद तथा चंद प्रसाद द्वारा बनाई गई इमरती खरीदने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं। इमरती खरीदारी के लिए इनकी दुकानों पर सुबह एवं शाम ग्राहकों की काफी भीड़ लगी रहती है। यहां प्रत्येक सप्ताह मंगलवार एवं शुक्रवार को बाजार लगता है। यहां ताजा फल, सब्जी, मछलियां समेत अन्य सामान आसानी से उपलब्ध हो जाते हैं। इसके अलावा राशन, दवा, इलेक्ट्रिक, फर्नीचर, घरेलू सामान आसानी से उपलब्ध हो जाते हैं। शिव मंदिर के नाम से प्रसिद्ध है बाजार :

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यह बाजार राम शिव मंदिर के नाम से प्रसिद्ध है। शादी के लिए वर-वधू को देखने तथा सगाई आदि की रस्म अदा होती हैं। इस बाजार में असांव, पतार, अर्कपुर, मनिया, मैरवा, दरौली, जीरादेई, सरना, मठिया आदि गांव के लोग शादी संबंधित कार्य के लिए आते हैं।

हर प्रकार के कपड़े होते हैं उपलब्ध :

शिवपुर बाजार में ब्रांडेड कंपनी के अलावा लोकल कंपनी के कपड़े आसानी से उपलब्ध हो जाते हैं। व्यवसायी गोरखपुर, कानपुर, लखनऊ, दिल्ली, कोलकाता, गुजरात, मुंबई आदि शहर से कपड़ा लाकर बेचते हैं। मैरवा, सिवान, बलिया, छपरा से ब्रांड एवं लोकल कंपनी का परचून, खाद्य पदार्थ की सामग्री लोगों को आसानी से मिल जाती है। अधिकतर व्यवसायी मैरवा से आलू, प्याज, गोभी आदि सब्जियां लाकर बाजार में बेचते हैं। यहां सुबह छह बजे से शाम नौ बजे तक चहल-पहल रहती है। बाजार में सुविधाओं की है कमी :

शिवपुर बाजार विकसित होने के बावजूद यहां मूलभूत सुविधाओं का अभाव है। बाजार में शेड के अभाव में दुकानदार हर मौसम में खुले आसमान के नीचे बैठ अपनी दुकानदारी करने को मजबूर होते हैं। वहीं शौचालय नहीं होने से दुकानदारों एवं खरीदारी करने आने वाले लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। विशेषकर महिला एवं वृद्ध लोगों को काफी परेशानी होती है। शौच लगने पर किसी के घरों का सहारा लेने पर मजबूर होना पड़ता है। अतिक्रमण से होती है जाम की समस्या :

बाजार दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। दुकानों की संख्या बढ़ती जा रही है, वहीं लोगों की भीड़ भी बढ़ती जा रही है। वहीं, कुछ दुकानदारों द्वारा सड़क का अतिक्रमण कर लेने के कारण हमेशा बाजार में जाम की समस्या उत्पन्न होती है। जाम के कारण लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। इसे प्रशासन की लापरवाही कहें या व्यवसायियों की मनमानी। क्या कहते हैं पदाधिकारी :

जगह के अभाव में बाजार संतुलित दिखता है। आए दिन बाजार में जाम लगता रहता है। व्यवसायियों को अतिक्रमण हटाने के लिए कई बार चेतावनी दी गई, लेकिन अभी तक उनके द्वारा अतिक्रमण नहीं हटाया गया है। यदि व्यवसायी अतिक्रमण नहीं हटाते हैं तो सरकारी अमीन से मापी कराकर प्रशासन द्वारा बल पूर्वक अतिक्रमण हटाया जाएगा। क्षति के जिम्मेदार स्वयं व्यवसायी होंगे।

रामेश्वर राम, अंचलाधिकारी, आंदर।


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