राजद कार्यकर्ताओं ने रोकी एंबुलेंस, मरीज को गोद में ले गए अस्पताल
सिवान। गुरुवार को आहूत बिहार बंद के दौरान राजद समर्थकों ने अपने नेताओं के ही निर्देश को दरकिनार कर द
सिवान। गुरुवार को आहूत बिहार बंद के दौरान राजद समर्थकों ने अपने नेताओं के ही निर्देश को दरकिनार कर दिया। घोषणा की थी कि बंद के दौरान इमरजेंसी सेवाओं को बाधित नही किया जाएगा। लेकिन हुआ इसके ठीक उल्टा। एंबुलेंस तक को स्टेशन से आते समय बबुनिया मोड़ के पहले ही रोक दिया। परिजन, मरीज का हवाला देते हुए अनुनय-विनय करते रहे लेकिन उनकी किसी ने नहीं सुनी। विवश होकर परिजन ने मरीज को गोद में उठाया और पैदल ही अस्पताल की ओर चल पड़े। इस स्थिति को देख लोगों ने एंबुलेंस रोकने वालों की काफी आलोचना की।
इसके अलावा स्कूल बसों को भी आगे नहीं बढ़ने दिया गया। ठंड में ठिठुरते बच्चों को पैदल स्कूल जाते देखकर भी किसी को रहम नहीं आई। मैरवा में तो हद ही कर दी। एक राहगीर की पिटाई करते राजद कार्यकर्ताओं की फोटो लेते समय पत्रकार के मोबाइल को ही छीन लिया। पत्रकार के साथ धक्का-मुक्की भी की। उधर, भगवानपुर हाट में अखबार विक्रेता के साथ बदसलूकी के साथ मारपीट की गई। उसके जेब से 42 सौ रुपये निकाल लिए। अखबारों को फाड़ दिया। अखबार विक्रेता ने इस बावत एफआइआर दर्ज करने के लिए थाने में आवेदन दिया है।
राजद जिलाध्यक्ष ने एंबुलेंस रोके जाने से किया इन्कार:
राजद जिलाध्यक्ष परमात्मा राम ने सिवान में एंबुलेंस रोके जाने से इन्कार किया। उन्होंने कहा कि हर जगह वे खुद भ्रमण कर देखते रहे। स्कूली बसों को भी नहीं रोका गया। शरारती तत्वों ने राजद को बदनाम करने लिए एंबुलेंस को रोक दिया होगा। इसमें उनके कार्यकर्ताओं का हाथ नहीं है। भगवानपुर तथा मैरवा की घटनाओं के बारे में उन्होंने कहा कि इसकी सूचना नहीं है।