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2::::शिक्षित बेरोजगार के लिए परेशानी का सबब बनने लगी तीन साल में सब्सिडी

सिवान। प्रधानमंत्री रोजगार कार्यक्रम बेरोजगारों को रोजगार के लिए ऋण देकर शिक्षित बेरोजगारों को उद्यो

By JagranEdited By: Published: Sun, 21 Jan 2018 02:59 AM (IST)Updated: Sun, 21 Jan 2018 02:59 AM (IST)
2::::शिक्षित बेरोजगार के लिए परेशानी का सबब बनने लगी तीन साल में सब्सिडी
2::::शिक्षित बेरोजगार के लिए परेशानी का सबब बनने लगी तीन साल में सब्सिडी

सिवान। प्रधानमंत्री रोजगार कार्यक्रम बेरोजगारों को रोजगार के लिए ऋण देकर शिक्षित बेरोजगारों को उद्योगपति बनाने की योजना में सबसे बड़ी बाधा युवाओं को रोजगारों पर मिलने वाली सब्सिडी ही बनने लगी है। इसके पीछे भी कहीं ना कहीं हम ही जिम्मेदार हैं क्यों कि सब्सिडी की लालच में कई आवेदकों द्वारा रोजगार को सब्सिडी मिलने के बाद बंद कर दिया गया। जिससे ना उद्योग की स्थापना हुई और ना ही उससे बेरोजगारों के बीच बेरोजगारी में कमी आई। हालांकि जानकारी बताते हैं कि प्रधानमंत्री रोजगार कार्यक्रम के तहत ऐसी कोई पाबंदी नहीं है कि सब्सिडी को आवेदक के खाते में तीन साल बाद ही भेजा जाएगा, लेकिन जिला उद्योग विभाग और बैंक की आपसी सहमति और आवेदकों की कहीं ना कहीं अनदेखी अब लाभार्थियों के लिए ही परेशानी का कारण बन गई है। यही कारण है कि इस वर्ष अभी तक 80 आवेदकों का आवेदन स्वीकार नहीं हुआ और वे चाह कर भी उद्योगपति नहीं बन सके। बता दें कि प्रधानमंत्री रोजगार कार्यक्रम में वित्तीय वर्ष 2017-18 में जिले में बेरोजगारों को ऋण देने का टारगेट पूरा करने के लिए 653 बेरोजगारों का फॉर्म बैकों भेजा दिया गया, लेकिन बैंक द्वारा विभिन्न कमियों को बताकर 80 आवेदकों के कागजात को वापस कर दिया गया। वहीं विभाग ने यह भी

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बताया कि सरकार द्वारा सब्सिडी भेजने में कोई देरी नहीं होती है लेकिन जैसे ही आवेदक के खाते में सब्सिडी की राशि बैंकों द्वारा भेजी जाती है वे अपने अपने उद्योग को बंद करना शुरू कर देते हैं या फिर घाटा बात धीरे धीरे उन्हें बंद करते हैं। इस कारण बैंक भी अपनी गारंटी की तलाश करने लगती है। इन्हीं कारणों से अब जिले में तीन साल तक उद्योग को किसी भी हालत में स्थापित रखने के बाद ही आवेदकों के खाते में सब्सिडी भेजी जाती है।

कितनी राशि का था टारगेट

बता दें कि इस वित्तीय वर्ष में जिला उद्योग विभाग द्वारा 357 लाख का था टारगेट रखा गया था जिसमें 50 बेरोजागारों के लोन स्वीकृत होने पर उनपर 270 लाख रुपया खर्च भी हुआ।

कहते हैं महाप्रबंधक

वित्तीय वर्ष 2017-18 में जितना टारगेट था उसको पूरा करने में हम सफल रहे। कुछ लोगों को सब्सिडी मिल गई है शेष रह गए लोगों को सब्सिडी जल्द से जल्द मिल जाए इसका प्रयास किया जा रहा है।

मनोज रंजन श्रीवास्तव

महाप्रबंधक जिला उद्योग विभाग, सिवान


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