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आसमान छू रहे सब्जियों के भाव ने लोगों का बिगाड़ा जायका

प्रखंड मुख्यालय समेत आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में सब्जियों के भाव आसमान छूने से लोग चितित हैं। दैनिक आहार में इस्तेमाल होने वाली सब्जियां गरीबों की थाली से दूर होती जा रही हैं।

By JagranEdited By: Published: Tue, 29 Sep 2020 04:57 PM (IST)Updated: Tue, 29 Sep 2020 04:57 PM (IST)
आसमान छू रहे सब्जियों के भाव ने लोगों का बिगाड़ा जायका
आसमान छू रहे सब्जियों के भाव ने लोगों का बिगाड़ा जायका

सिवान । प्रखंड मुख्यालय समेत आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में सब्जियों के भाव आसमान छूने से लोग चितित हैं। दैनिक आहार में इस्तेमाल होने वाली सब्जियां गरीबों की थाली से दूर होती जा रही हैं। वहीं दो वक्त की सब्जी खरीदने में भी मध्यमवर्गीय परिवारों की जेबें अच्छी खासी ढीली हो जा रही हैं। आलू, प्याज से लेकर सभी तरह की सब्जियों के भाव दैनिक मजदूरों व मध्यवर्गीय लोगों वश से बाहर देखे जा रहे हैं। लॉकडाउन के बाद ग्रामीणों की आमदनी वैसे ही ठप पड़ी हुई है, ऐसे में पेट भरने के लिए दो वक्त के भोजन के बारे में भी उन्हें सोचना पड़ रहा है।

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जानकारी के अनुसार प्याज की कीमत एक हफ्ते पहले तक 25 से 30 रुपये किलो थी, लेकिन अब इसकी कीमत 50 रुपये प्रति किलो हो गई है। आलू 30 से बढ़कर 40 रुपये प्रति किलो बिक रहा है। अन्य हरी सब्जियों की बात करें तो परवल 60 रुपये, बैगन 40 रुपये, भिडी 40 व नेनुआ 40 रुपये प्रति किलो के हिसाब से बाजार में बिक रहा है। कल तक सब्जी दुकानदार जिस हरी मिर्च को सब्जियों के साथ मुफ्त में डाल दिया करते थे, वो अब 80 रुपये किलो बाजारों की शान बढ़ा रही है। दैनिक मजदूरी कर दिहाड़ी कमाने वाले ग्रामीणों की रोज की आमदनी राशन व सब्जी खरीदने में ही चली जाती है। कुल मिलाकर सब्जियों की बढ़ी कीमतों से आम आदमी के खाने के लाले पड़े हुए हैं। सब्जी दुकानदार बढ़ी हुई कीमतों के जवाब में कहते हैं कि उन्हें सिवान थोक से ही बढ़ी हुई कीमतों पर सब्जियां मिल रही हैं, इसलिए उन्हें सब्जियों के दाम बढ़ाने पर मजबूर होना पड़ा है।


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