नप की पूर्व अध्यक्ष अनुराधा गुप्ता समेत दो के खिलाफ एफआइआर के आदेश
सिवान । वर्ष 2011 में हुई ललित बस स्टैंड की नीलामी में गड़बड़ी प्रथम²ष्टया सही साबित होने पर
सिवान । वर्ष 2011 में हुई ललित बस स्टैंड की नीलामी में गड़बड़ी प्रथम²ष्टया सही साबित होने पर नगर विकास विभाग ने तत्कालीन सभापति अनुराधा गुप्ता, उपसभापति कर्णजीत ¨सह उर्फ व्यास के खिलाफ एफआइआर कराने के आदेश डीएम को दिए हैं। जिलाधिकारी महेंद्र कुमार ने बताया कि नगर विकास विभाग का पत्र मिल गया है। शुक्रवार को एफआइआर के लिए आदेश करेंगे।
बता दें कि वर्ष 2011 में ललित बस स्टैंड की बंदोबस्ती में इन दोनों ने मिलीभगत करके सरकार को राजस्व की क्षति पहुंचाई है। इसकी शिकायत किसी ने नगर विकास विभाग में की। वहां से जांच कराई गई तो मामला सही साबित हुआ, लिहाजा एफआइआर के आदेश दिए गए।
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क्या है मामला
वर्ष 2011 में बस स्टैंड की नीलामी का न्यूनतम रेट एक करोड़ 21 लाख था। आरोप है कि चहेतों को लाभ पहुंचाने के लिए अध्यक्ष और उपाध्यक्ष ने इस राशि को 10 फीसद कम करने के लिए बोर्ड में प्रस्ताव पेश किया। इसका विरोध तत्कालीन पार्षद इंतेखाब अहमद ने किया। इसके बाद अध्यक्ष ने सरकार के पास इसके लिए दिशानिर्देश के लिए पत्र लिखा। वहां से जवाब आने में देर हुई। तब तक 52 दिन तक इन दोनों ने मिलकर अपने किसी खास व्यक्ति से स्टैंड में वसूली करवाई और कहा कि विभागीय स्तर पर वसूली की जा रही है। नगर परिषद के खाते में किसी दिन दो हजार तो किसी दिन तीन हजार जमा होते रहे। जबकि वहां की रोजाना की वसूली 30 हजार रुपये से ज्यादा की प्रतिदिन होती थी। इस मामले को पार्षद इंतेखाब ने शासन के संज्ञान में दिया, तब तक सरकार से जवाब भी आ गया कि बोर्ड को नीलामी की न्यूनतम राशि को कम करने का अधिकार नहीं है। इससे इंतेखाब का हौसला और बढ़ गया। उन्होंने महाराजगंज के तत्कालीन सांसद उमाशंकर ¨सह से भी जांच के लिए चिट्ठी लिखवाई। इस पर कमिश्नर से जांच कराई गई तो वित्तीय घोटाला साबित हुआ।